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- Sawan में महाकाल की...
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| सावन महीने में शिव की पूजा विशेष फल देती है। खासकर सावन के सोमवार के दिन भक्त भोलेशंकर को जल और दूध अर्पित करते हैं। शिव का विभिन्न चीजों से अभिषेक किया जाता है। सावन में प्रदोष व्रत और चतुर्दशी व्रत पर की गई पूजा से विशेष फल मिलता है। शिवपुराण के मुताबिक ये दोनों दिन भोलेनाथ की पूजा के लिए बहुत खास माने गए हैं।
प्रदोष तिथि यानी 5 अगस्त को व्रत रखें। इसके अलावा चतुर्दशी व्रत 6 अगस्त को है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा- अर्चना की जाती है। प्रदोष काल में साम के समय शिव पार्वती की पूजा की जाती है। वहीं चतुर्दशी तिथि पर चारो पहर शिवजी की पूजा की जाती है।
कहा जाता है कि इन दो दिनों में जल और दूध से शिवलिंग की पूजा-अभिषेक करने से भोले शंकर अपनी कृपा करते हैं और बीमारियां दूर होती हैं।
मुहूर्त
श्रावण, कृष्ण त्रयोदशी प्रारम्भ - 05:09 पी एम, अगस्त 05
श्रावण, कृष्ण त्रयोदशी प्रारम्भ समाप्त - 06:28 पी एम, अगस्त 06
प्रदोष काल-07:09 पी एम से 09:16 पी एम