धर्म-अध्यात्म

आपको मृत्यु के द्वार तक ले जा सकती हैं ये तीन चीजें

Tara Tandi
24 May 2021 8:11 AM GMT
आपको मृत्यु के द्वार तक ले जा सकती हैं ये तीन चीजें
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सनातन धर्म में जो भी ग्रंथ और पुराण आदि हैं, सभी में कहीं न कहीं मानव कल्याण के बारे में तमाम बातें कही गई हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| सनातन धर्म में जो भी ग्रंथ और पुराण आदि हैं, सभी में कहीं न कहीं मानव कल्याण के बारे में तमाम बातें कही गई हैं. गरुड़ पुराण भी 18 महापुराणों में से एक है. इस महापुराण में भगवान विष्णु और उनके वाहन गरुड़ की बातचीत के जरिए लोगों को भक्ति, ज्ञान, सदाचार, दान, तप, यज्ञ आदि के बारे में बताते हुए मानव कल्याण का रास्ता दिखाया गया है. इतना ही नहीं, गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद की भी स्थितियों के बारे में बताया गया है. यहां आज हम आपको बताएंगे ऐसी तीन चीजों के बारे में जो आपको मृत्यु के द्वार तक ले जा सकती हैं.

1- नौकर : आजकल लोगों का काम बगैर नौकरों के नहीं चल पाता. नौकर आपके कामों में बेशक काफी मदद करते हैं, लेकिन ये धीरे-धीरे आपसे और आपके घर से जुड़े भेदों को भी जान जाते हैं. यदि ये किसी से चिढ़ जाएं तो आपकी सीक्रेट बातों को भी सब जगह खोल सकते हैं और आपके लिए मुसीबत बढ़ा सकते हैं. इनकी वजह से आपको मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ सकती है और कई बार मानसिक प्रताड़ना इतनी ज्यादा होती है कि वो व्यक्ति को मौत के द्वार तक ले जा सकती है. इसलिए अगर आपका नौकर बहस करने वाला हो, तो उससे ज्यादा भिड़ें नहीं.
2- मित्र : जीवन में अगर सच्चा मित्र हो, तो जीवन बहुत आसान हो जाता है. सच्चा मित्र बड़े से बड़े संकट में भी आपको कभी अकेला नहीं छोड़ता. लेकिन अगर मित्र दगाबाज निकल जाए तो आपके जीवन में मुसीबतों का भूचाल ला सकता है. आपको गलत मार्ग पर ले जाकर आपका जीवन बर्बाद कर सकता है या आपको शारीरिक हानि भी पहुंचा सकता है. ऐसा मित्र आपको मृत्यु के करीब पहुंचा सकता है, इसलिए ऐसे मित्रों से हमेशा सावधान रहें और किसी को भी अपना करीबी बहुत सोच समझकर ही बनाएं.
3- सांप : अगर आपके घर में कहीं सांप है, तो उसे फौरन बाहर निकाल दें या खुद उस जगह को छोड़ दें. अगर धोखे से भी आपने उस पर पैर रख दिया या उसे छेड़ दिया तो वो बगैर काटे नहीं मानेगा. गरुड़ पुराण में भी सांप वाले घर को मौत का द्वार माना गया है.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है. )


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