धर्म-अध्यात्म

कजरी तीज की पूजा में जरूर शामिल करें ये चीजें, तभी पूरी होगी पूजा, जानिए मुहूर्त और विधि

Kunti Dhruw
13 Aug 2022 3:02 PM GMT
कजरी तीज की पूजा में जरूर शामिल करें ये चीजें, तभी पूरी होगी पूजा, जानिए मुहूर्त और विधि
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कजरी तीज की पूजा में जरूर शामिल करें ये चीजें

ज्योतिष: हिंदू धर्म में व्रत त्योहारों को बेहद ही खास माना जाता है वही कजरी तीज का त्योहार महिलाएं के लिए महत्वपूर्ण होता है पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास का आरंभ कल यानी 12 अगस्त से हो चुका है भाद्रपद मास हिंदू धर्म का छठा महीना होता है इसी पवित्र महीने में महिलाओं द्रवारा रखा जाने वाला पवित्र व्रत कजरी तीज भी मनाया जाएगा।

इस दिन महिलाएं भगवान शिव और पार्वती की विधिवत पूजा अर्चना करती है और उपवास भी रखती है ऐसा कहा जाता है कि कजरी तीज व्रत करने से महिलाओं को अखंण्ड सौभाग्य की प्राप्ति होती है और खुशहाल जीवन का आशीर्वाद प्राप्त हो, तो आज हम आपको अपने इस लेख दवारा कजरी तीज व्रत से जुड़ी कुछ जरूरी बातें बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
जानिए कजरी तीज की तिथि-
धर्म पंचांग के अनुसार कजरी तीज का व्रत हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है इस बार कजरी तीज का व्रत 14 अगस्त दिन रविवार यानी की कल रखा जाएगा। इस दिन शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए व्रत पूजन करती है इस दिन कुंवारी कन्याएं मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए व्रत पूजन करती है ऐसा कहा जाता है कि आज के दिन अगर पूरी निष्ठा और विश्वास के साथ शिव पार्वती का पूजन किया जाए तो भगवान अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
कजरी तीज का मुहूर्त-
धार्मिक पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि 13 अगस्त दिन शनिवार की देर रात 12 बजकर 53 मिनट, 14 अगस्त 12ः53 से शुरू हो रहा है यह तृतीया तिथि 14 अगस्त दिन रविवार को रात 10 बजकर 35 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। व्रत में उदयातिथि के अनुसार कजरी तीज व्रत 14 अगस्त दिन रविवार को ही रखा जाएगा।
जानिए पूजन सामग्री लिस्ट-
आपको बता दें कि कजरी तीज की पूजा में पीला वस्त्र, कच्चा सूत, नए वस्त्र, केले का पत्ता, कलश, अक्षत, गाय का दूध, गंगाजल, पंचामृत, दही, मिश्री, शहद, जनेउ, जटा नारियल, सुपारी, दूर्वा, घी, कपूर, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, अबीर गुलाल, श्रीफल, चंदन आदि पूजन सामग्री को शामिल करना बेहद जरूरी माना जाता है वरना इनके बिना व्रत पूजा पूर्ण नहीं होती है।


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