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- पति-पत्नी के बीच...
आचार्य चाणक्य अपनी रणनीतियों को लेकर जाने जाते हैं। वो चाणक्य ही थे जिन्होंने अपनी नीतियों के दम पर ही एक साधारण बालक चंद्रगुप्त मौर्य को मगध का सम्राट बना दिया था। आचार्य चाणक्य ने अपनी इन नीतियों कि समझ के आधार पर ही नीति शास्त्र की रचना की थी। नीतिशास्त्र की बातें लोगों को कटु अवश्य लगती हैं, लेकिन यह जीवन की सच्चाई से अवगत कराती है। चाणक्य द्वारा रचित नीतिशास्त्र में जीवन के हर क्षेत्र से संबंधित महत्वपूर्ण बातों का जिक्र है। अगर कोई व्यक्ति इन बातों का ध्यान रखता है तो व्यक्ति समस्याओं से तो बच ही सकता है साथ ही एक संतुष्ट और सफल जीवन भी व्यतीत कर सकता है। चाणक्य नीति में रिश्तों से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातों का भी जिक्र मिलता है जिसे मनुष्य यदि अपने जीवन में उतार ले तो उससे ज्यादा सुखी इंसान इस धरती पर कोई नहीं है। पति-पत्नी का रिश्ता काफी महत्वपूर्ण होता है और साथ ही मजबूत भी लेकिन कुछ ऐसी बातें हैं जिसके कारण पति-पत्नी के बीच मन-मुटाव की स्थिति बन जाती है। ऐसे में पति-पत्नी को अपने रिश्ते को और मजबूत बनाने के लिए कुछ बातों का ध्यान देना चाहिए। आइए जानते हैं क्या हैं वे बातें।
विश्वास हर रिश्ते की नींव होता है। यदि आपको अपने पति या पत्नी पर भरोसा नहीं है, इसका अर्थ है कि आपके रिश्ते की डोर मजबूत नहीं है। यदि पति और पत्नी के बीच शक की दीवार आ जाती है तो इसका अर्थ है कि आपका रिश्ता टूटने की कगार पर है। इसलिए अपने रिश्ते में कभी भी शक न आने दें। यदि आपको कभी ऐसा लगता है तो सीधा जाकर उनसे पूछ लें।
पति-पत्नी के रिश्ते में अहंकार कोई स्थान नहीं होना चाहिए। चाणक्य के नीति शास्त्र के अनुसार धर्म में भी पति और पत्नी दोनों को समान दर्जा प्राप्त है इसलिए दोनों को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए। याद रखिए जिन रिश्तों में अहम आ जाता है वो रिश्ता ज्यादा दिन टिक नहीं पाता।