धर्म-अध्यात्म

परिवार-समाज की भलाई के लिए बहुत अहम हैं ये बातें, चाणक्‍य नीति में किया गया है जिक्र

Tulsi Rao
3 April 2022 4:44 AM GMT
परिवार-समाज की भलाई के लिए बहुत अहम हैं ये बातें, चाणक्‍य नीति में किया गया है जिक्र
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इनमें से कुछ बातें तो इतनी अहम हैं कि यदि उनका पालन न किया जाए तो व्‍यक्ति का जीवन बर्बाद हो जाता है. इसका असर न केवल उस पर बल्कि उससे जुड़े लोगों पर भी पड़ता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | चाणक्‍य नीति में ऐसी बातें बताई गईं हैं, जो न केवल व्‍यक्ति को सुखी जीवन देती हैं बल्कि उसे कई मुसीबतों से भी बचाती हैं. आचार्य चाणक्य ने हर तरह के लोगों के आचार-व्‍यवहार, खूबियों-कमियों पर भी प्रकाश डाला है. उन्‍होंने बताया है कि लोगों को किन चीजों से बचना चाहिए. इनमें से कुछ बातें तो इतनी अहम हैं कि यदि उनका पालन न किया जाए तो व्‍यक्ति का जीवन बर्बाद हो जाता है. इसका असर न केवल उस पर बल्कि उससे जुड़े लोगों पर भी पड़ता है.

बर्बाद कर देता है ऐसा बर्ताव
चाणक्‍य नीति में आचार्य चाणक्य ने राजा, ब्राह्मण और महिलाओं के आचार-व्‍यवहार को समाज के लिए बहुत अहम बताया है. यदि ये तीनों लोग गलतियां करें तो समाज और परिवार को भारी नुकसान उठाना पड़ता है.
राजा: आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि राजा को कभी भी संतुष्‍ट नहीं होना चाहिए. यदि राजा संतुष्‍ट हो जाए तो ना तो वह अपने राज्य को बढ़ा पाएगा और न ही प्रजा का ठीक ढंग से ध्यान रख पाएगा. ऐसी स्थिति में राजकाज ही ठप पड़ जाएगा.
ब्राह्मण: ब्राह्मण का काम समाज को शिक्षित करने का है. वह अपना पूरा समय ज्ञान अर्जित करने और उसे बांटने में लगाता है. इसके बदले में लोग ब्राह्मण को दान और सम्मान देते हैं. यदि ब्राह्मण मिलने वाले दान से संतुष्‍ट ना हो तो उसका विनाश होना तय है. साथ ही इसका खामियाजा समाज को भी भुगतना पड़ता है.
गृहिणी: गृहिणी परिवार की धुरी होती है. वह सबका ख्‍याल रखती है और खानदान का मान-सम्‍मान बढ़ाती है. यदि वह स्‍वभाव से सख्‍त हो तो घर में झगड़े का माहौल बन जाएगा. ऐसी स्थिति परिवार के सम्‍मान, आर्थिक स्थिति, रिश्‍तों के बीच के प्रेम के लिए ठीक नहीं है. लेकिन याद रखें कि परिवार तभी खुशहाल रहता है जब घर की महिलाओं का सम्‍मान किया जाए.


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