धर्म-अध्यात्म

बेहद प्रभावी हैं कार्तिक मास के ये अचूक उपाय, होगा धन लाभ

Subhi
10 Oct 2022 3:59 AM GMT
बेहद प्रभावी हैं कार्तिक मास के ये अचूक उपाय, होगा धन लाभ
x
10 अक्‍टूबर 2022 से कार्तिक महीना शुरू हो रहा है जो भगवान विष्‍णु और मां लक्ष्‍मी को बेहद प्रिय है. कार्तिक मास में ही भगवान श्रीहरि 4 महीने की योगनिद्रा के बाद देवउठनी एकादशी को जागते हैं

10 अक्‍टूबर 2022 से कार्तिक महीना शुरू हो रहा है जो भगवान विष्‍णु और मां लक्ष्‍मी को बेहद प्रिय है. कार्तिक मास में ही भगवान श्रीहरि 4 महीने की योगनिद्रा के बाद देवउठनी एकादशी को जागते हैं और अगले दिन तुलसी विवाह होता है. 5 दिन का दीपोत्‍सव पर्व दिवाली भी मनाई जाती है. इस महीने गंगा नदी के किनारे लोग कल्‍पवास भी करते हैं, ताकि वे जन्‍म-मृत्‍यु के चक्र से मुक्ति पा सकें. वहीं अपार धन की चाहत रखने वालों के लिए भी यह महीना बहुत खास होता है. कार्तिक मास में किए गए उपाय मां लक्ष्‍मी को प्रसन्‍न करते हैं और अपार धन दिलाते हैं.

दीपदान: कार्तिक मास में रोजाना भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी, यमदेव और पीपल के पेड़ के नीचे दीप जलाएं. इससे जीवन के सारे संकट दूर होंगे और खूब सुख-समृद्धि मिलेगी. प्रवाहित जल में भी दीपदान करना बहुत लाभ देता है, ऐसे जातक मोक्ष पाते हैं.

पवित्र नदी में स्नान: कार्तिक मास में सूर्योदय से पहले पवित्र नदी में या गंगाजल मिले पानी से स्‍नान करना दुग्‍ध स्‍नान की तरह माना गया है. यह मां लक्ष्‍मी की अपार कृपा दिलाता है.

लक्ष्मी स्त्रोत का पाठ: धनवान बनने के लिए मां लक्ष्‍मी की कृपा बहुत जरूरी है और इसके लिए कार्तिक महीने में लक्ष्मी स्त्रोत, कनकधारा स्रोत या विष्णु स्त्रोत का पाठ करें. ऐसा करने से बहुत सुखमय जीवन मिलता है.

तुलसी पर चढ़ाएं दूध मिश्रित जल: कार्तिक मास में रोज सुबह स्‍नान करके तुलसी के पौधे में दूध मिला हुआ जल अर्पित करें. साथ ही शाम को घी का दीपक लगाएं. इससे मां लक्ष्‍मी खुश होकर धन-संपत्ति देंगी.

भगवान विष्णु को अर्पित करें तुलसी और तिल: कार्तिक मास में रोज भगवान विष्‍णु की पूजा करें और उन्‍हें तिल और तुलसी दल अर्पित करें. ऐसा करने से पाप नष्‍ट होते हैं और हर काम में सफलता मिलती है.

अन्‍न दान: कार्तिक मास को बहुत पवित्र महीना माना गया है. इस महीने में सूर्योदय से पूर्व स्‍नान करके भगवान की पूजा करना और दान करना ढेरों लाभ देता है. अन्‍न दान करने से पैसों की तंगी नहीं होती और अगले जन्‍म में भी जातक गरीब नहीं होता.

Next Story