धर्म-अध्यात्म

आने वाली विपत्ति की ओर इशारा करते हैं ये संकेत, जानें और सावधान रहें

Kiran
20 Jun 2023 2:32 PM GMT
आने वाली विपत्ति की ओर इशारा करते हैं ये संकेत, जानें और सावधान रहें
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हिन्दू धर्म में शास्त्रों का विशेष महत्व माना गया हैं क्योंकि शास्त्रों में बताई गई बातें हमारे जीवन में कई बदलाव लेकर आती हैं। यहाँ तक की शास्त्रों में कई ऐसे संकेत भी बताए गए हैं जो विपत्ति की ओर इशारा करते हैं, ताकि इन्हें जानकर संभला जा सकें। जी हाँ, ये संकेत आने वाले समय के शुभ-अशुभ प्रभाव को दर्शाते हैं। आज हम आपको इन्हीं संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं की संभावना को दर्शाते हैं। तो आइये जानते हैं इन संकेतों के बारे में।
* काले चूहों का ज्यादा संख्या में आना
अगर घर में अचानक से काले चूहे ज्यादा संख्या में आने लगें तो ये निकट भविष्य में आने वाली विपत्तियों की ओर इशारा करता है।
* कुत्ते का रोना
कोई कुत्ता घर के मेन गेट के सामने मुंह करके रोए तो घर में कोई समस्या या ये किसी की मृत्यु का संकेत देता है।
* खुदाई में मरे हुए जीव का मिलना
अगर आप जमीन की खुदाई कर रहे हैं और इस दौरान कोई मृत जीव या सांप का दिखना आने वाले बूरे समय को दर्शाता है।
* पक्षी का घायल होना
यदि आपके घर के आंगन में कोई पक्षी घायल होकर गिरे तो यह निकट भविष्य में होने वाली दूर्घटना का संकेत होता है।
* उल्लू का आवाज करना
अगर आपके घर की छत पर उल्लू आकर बैठे और आवाज करें तो घर में अचानक विपत्ती आने के योग बनते हैं।
* बिल्लियों का लड़ना
घर में बिल्लियों के लड़ने को भी अशुभ माना गया है। ये परिवार में होने वाले झगडे की ओर इशारा करता है।
* घर में दीमक या मधुमक्खी छत्ता होना
घर में दीमक की बामी या मधुमक्खी छत्ता होना घर के मुखिया के स्वास्थ्य में होने वाली परेशानी की ओर इशारा करता है।
* घर में कुतिया का प्रसव
घर में यदि कुतिया प्रसव करती है तो यह गृहस्वामी के लिए अच्छा संकेत नहीं है, इसके कारण शत्रु की वृद्धि होती है तथा अपने ही परिवार में मतभेद होने लगते है।
* गाय का स्वयं दूध पीना
यदि पालतू गाय अपना दूध पीती हो या अत्यधिक सिर हिलाती हो, तो घर के गृहस्वामी के ऊपर कर्ज बढ़ता है और भाग्य खराब होने लगता है।
* देवता की मूर्ति टूटना
घर में किसी देवता की मूर्ति अथवा चित्र टूट जाए तो मृत्यु या मृत्यु समान कष्ट हो सकता है। निवारण के लिए रामरक्षास्तोत्र अथवा दुर्गा माँ की आराधना करें।
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