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गलत आदतों से इन ग्रहों दुष्प्रभाव को बढ़ाते जाने
ज्योतिष शासत्र में हर ग्रह का अपना सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव है. कुंडली (Kundali) में इसकी स्थिति के कारण यह प्रबल या दुर्बल होता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | ज्योतिष शासत्र में हर ग्रह का अपना सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव है. कुंडली (Kundali) में इसकी स्थिति के कारण यह प्रबल या दुर्बल होता है. कई बार हम अपनी गलत आदतों से भी इन ग्रहों के दुष्प्रभाव को बढ़ाते हैं या उनको दुर्बल कर देते हैं. कुंडली में जब बुध ग्रह (Budh Grah) कमजोर होता है या होने लगता है, तो आप अपने जीवन में होने वाली घटनाओं से उसके संकेत को समझ सकते हैं. आइए जानते हैं कि जब बुध कमजार या दुर्बल होता है तो क्या संकेत देता है.
1. जब आप पर कर्ज का बोझ बढ़ने लगे और आपकी आर्थिक स्थिति खराब होने लगे तो आपको समझना चाहिए कि आपका बुध ग्रह दुर्बल है.
2. आपके पद, प्रतिष्ठा, यश में कमी होने लगे, तो यह भी कमजोर बुद्ध ग्रह का संकेत है.
3. आपके मुखमंडल का तेज खत्म हो जाए और आप बीमारियों से जकड़ जाएं, तो यह स्थिति भी बुध ग्रह के कमजोर होने का संकेत हो सकता है.
4. कमजोर बुध के होने से अज्ञानी भी स्वयं को ज्ञानी समझ लेते हैं. अहंकार मन में घर कर जाता है. सोचने और समझने की शक्ति प्रभावित हो सकती है.
5. बहन, बुआ और मौसी से संबंध खराब करने, दूसरों को धोखा देने और शराब के सेवन से भी बुध ग्रह कमजोर होता है.
6. जिनका बुध कमजोर होता है, उन लोगों में भ्रमित रहने और शंका करने की आदत हो सकती है.
7. बेकार के सपने आना, वाणी के अंगों में दोष होना और तुतलाना भी कमजोर बुध का संकेत माना जाता है.
8. बुध के खराब होने से लोगों को चर्मरोग, पेचिश, अतिसार आदि जैसे रोग हो सकते हैं.
9. जिनका बुध खराब होता है, वे अपनी वाणी से प्रभावहीन हो सकते हैं. दूसरों पर उनके कहने का प्रभाव नहीं होता है.
10. बुध के खराब होने पर नौकर और बिजनेस में दिक्कतें आने लगती हैं.
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