धर्म-अध्यात्म

इन लोगों को भूलकर भी नहीं पहननी चाहिए तुलसी की माला, फायदे की जगह होगा नुकसान

Manish Sahu
31 Aug 2023 8:25 AM GMT
इन लोगों को भूलकर भी नहीं पहननी चाहिए तुलसी की माला, फायदे की जगह होगा नुकसान
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धर्म अध्यात्म: सनातन धर्म में लगभग हर घर में तुलसी का पौधा होता है. सभी लोग इसकी नियमानुसार पूजा-अर्चना भी करते हैं. लेकिन आपको बता दें कि, तुलसी के पौधे के बराबर ही तुलसी की माला धारण का भी महत्व होता है. तुलसी की माला पहनने से इंसान को अनेक तरह के लाभ प्राप्त होते हैं. लेकिन इसके लिए जरूरी है कि तुलसी के माला के जुड़े नियमों को सही से फॉलो करें.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी में माता लक्ष्मी का वास होता है और तुलसी की माला से भगवान विष्णु के मंत्र का जाप विशेष फलदाई माना गया है. ऐसे में यदि आप तुलसी की माला गले में धारण करते हैं तो मन और आत्मा दोनों पवित्र हो जाते हैं. इसके अलावा मन में सकारात्मक विचारों का संचार बढ़ जाता है. आइए उन्नाव के ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषिकांत मिश्र से जानते हैं तुलसी की माला से जुड़े नियम और किन लोगों को माला नहीं पहनना चाहिए.
इन लोगों को नहीं पहनना चाहिए तुलसी की माला
मांस-मंदिरा खाने वाले न पहनें माला: यदि आप तुलसी का माला धारण करने की सोच रहे हैं तो इससे जुड़े नियम भी जान लेना चाहिए. बता दें कि, यदि आप इस माला को धारण कर रहे हैं तो मांस मदिरा का सेवन करने से बचना चाहिए. साथ ही तामसिक भोजन से भी परहेज करना चाहिए. ऐसे में आपको सात्विक भोजन करना चाहिए.
रुद्राक्ष धारण करने वाले तुलसी न पहनें: जिस व्यक्ति ने तुलसी की माला धारण की है, उसे भूल कर भी रुद्राक्ष की माला धारण नहीं करना चाहिए. अन्यथा इसके विपरीत प्रभाव उस व्यक्ति को झेलने पड़ सकते हैं.
तुलसी की माला धारण करने के नियम
माला को बार-बार ना उतारें: ज्योतिष शास्त्र में तुलसी के जुड़े कई नियम बताए गए हैं. यदि आपने एक बार तुलसी की माला धारण कर ली है. उसे बार-बार भूलकर भी नहीं उतारना चाहिए. ऐसा करने से आपको अच्छे फल की प्राप्ति हो पाना मुश्किल है.
माला का शुद्धीकरण जरूरी: तुलसी की माला धारण करने के पहले उसका शुद्धीकरण करना बेहद आवश्यक है. माला धारण करने से पहले उसे अच्छी तरह गंगाजल से धो लें. जब माला सूख जाए उसके बाद ही धारण करना चाहिए.
माला पहनकर शौचालय ना जाएं: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि आप गले में तुलसी की माला धारण नहीं कर सकते, तो इसे दाएं हाथ में भी धारण किया जा सकता है. परंतु नित्य क्रिया के समय इस माला को उतार कर रख दें. स्नान करने के बाद इसे दोबारा गंगाजल से धोकर ही पहने.
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