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धर्म-अध्यात्म
आपको सफल नहीं होने देती हैं ये आदतें, गरुड़ पुराण में भी है इनका जिक्र…
Tara Tandi
21 March 2021 6:32 AM GMT
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हिंदू धर्म में गरुड़ पुराण को महापुराण माना गया है. इसमें स्वर्ग, नर्क, पाप, पुण्य, मृत्यु के अलावा ज्ञान, विज्ञान, भक्ति, सदाचार, नीति, नियम और धर्म से जुड़ी अहम बातों का जिक्र किया गया है
जनता से रिश्ता वेबडेसक | हिंदू धर्म में गरुड़ पुराण को महापुराण माना गया है. इसमें स्वर्ग, नर्क, पाप, पुण्य, मृत्यु के अलावा ज्ञान, विज्ञान, भक्ति, सदाचार, नीति, नियम और धर्म से जुड़ी अहम बातों का जिक्र किया गया है. इन बातों को अपनाकर व्यक्ति तरक्की और समृद्ध जीवन प्राप्त कर सकता है. लेकिन हम सबमें कुछ आदतें ऐसी होती हैं, जो हमारी सफलता की राह में रोड़ा बन जाती हैं. तरक्की हासिल करने के लिए इन बुरी आदतों से पीछा छुड़ाना बहुत जरूरी है. जानिए गरुड़ पुराण में बताई गई ऐसी कुछ आदतों के बारे में जो हमारी सफलता को रोककर रखती हैं.
1. क्रोध हमेशा नाश करता है. कोई भी व्यक्ति कभी भी क्रोध में सही निर्णय नहीं ले सकता. जो लोग क्रोध पर नियंत्रण नहीं रख पाते, वे अक्सर गलत फैसले लेते हैं और हाथ में आए मौके को भी गंवा बैठते हैं. यही वजह है कि क्रोध को इंसान का शत्रु माना गया है. इसलिए अपने क्रोध पर नियंत्रण करना सीखें.
2. ईर्ष्या या जलन इंसान को अंदर ही अंदर खोखला बना देती है. इससे वो खुद का ही अनिष्ट करता है. यदि कोई व्यक्ति तरक्की कर रहा है तो उससे ईर्ष्या करने की बजाय उसकी खूबियों पर ध्यान दें. ये देखने का प्रयास करें कि उसमें ऐसा क्या अलग है जो उसे तरक्की मिल रही है. यदि सीखने का भाव रखेंगे तो हमेशा आगे बढ़ेंगे, लेकिन ईर्ष्या का भाव रखेंगे तो सफलता आपसे कोसों दूर रहेगी.
3. आलस भी ऐसा अवगुण हैं जो इंसान को हमेशा पीछे की ओर धकेलता है. यदि आपने समय रहते इसे दूर नहीं किया तो आप कई अवसर सिर्फ आलस की वजह से गंवाएंगे. शारीरिक और मानसिक रूप से चुस्त रहने के लिए सुबह जल्दी उठकर परमेश्वर का ध्यान करें.
4. यदि आपके अंदर संशय या असुरक्षा की भावना है तो ये भी आपके लिए बहुत घातक है. कई बार आप इसकी वजह से सटीक निर्णय नहीं ले पाते. इसकी वजह से आपकी नींद और पूरी दिनचर्या प्रभावित होती है, जिसका सीधा असर आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है. इसलिए अपने अंदर आत्मविश्वास पैदा कीजिए.
5. हम सब बचपन से सुनते आ रहे हैं कि चिंता चिता के समान होती है, फिर भी चिंता करना बंद नहीं करते. चिंता करने की बजाय हमें चिंतन करना चाहिए. चिंता हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती है और चिंतन हमें किसी भी समस्या से बाहर निकलने का समाधान देता है. यदि वाकई सफलता चाहते हैं तो चिंता छोड़कर चिंतन करना शुरू कीजिए.
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Tara Tandi
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