धर्म-अध्यात्म

ये आदतें होती है सफलता के मार्ग में बाधक

Tara Tandi
11 Aug 2021 7:03 AM GMT
ये आदतें होती है सफलता के मार्ग में बाधक
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गरुड़ पुराण को सनातन धर्म में 16 पुराणों में से एक माना जाता है.

गरुड़ पुराण को सनातन धर्म में 16 पुराणों में से एक माना जाता है. इसके अधिष्ठाता देव भगवान विष्णु हैं. मान्यता है कि गरुड़ पुराण में जो कुछ भी लिखा है, उसका बखान जगत के पालनहार भगवान विष्णु ने स्वयं अपने मुख से किया है. इस महापुराण में भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ और नारायण के बीच हुई वार्तालाप का जिक्र है. गरुड़ ने भगवान से तमाम प्रश्न पूछे हैं, जिनका उत्तर नारायण ने दिया है.

गरुड़ पुराण सिर्फ स्वर्ग, नर्क, पाप, पुण्य, मृत्यु की बातें नहीं बताता, बल्कि इसमें ज्ञान, वैराग्य, यज्ञ, तप, जप, सदाचार, नीति और नियम की भी तमाम बातें बताई गई हैं. गरुड़ पुराण की इन बातों को अपने जीवन में उतार कर व्यक्ति अपना जीवन सुधार सकता है और मृत्यु के बाद सद्गति को प्राप्त हो सकता है. यहां जानिए ऐसी 5 आदतों के बारे में जिन्हें यदि व्यक्ति छोड़ दे तो उसे कभी सफलता के पीछे नहीं भागना पड़ेगा. सफलता खुद उसके पास आएगी.

1. क्रोध

क्रोध व्यक्ति का सबसे बड़ा शत्रु है. क्रो​ध व्यक्ति से उसके सोचने समझने की क्षमता को छीन लेता है. ऐसे में व्यक्ति कई बार गलत फैसले ले लेता है और उसके पास आती हुई चीज भी हाथों से चली जाती है. इसलिए क्रोध की आदत को छोड़ दें.

2. ईर्ष्या

ईर्ष्या व्यक्ति के मूल्यवान समय को नष्ट कर देती है. वो व्यक्ति अपनी चीजों पर मेहनत करने की बजाय दूसरे को नीचे गिराने के बारे में सोचता है. ऐसे में व्यक्ति खुद के टैलेंट को नष्ट कर लेता है और काबिल होते हुए भी सफलता हासिल नहीं कर पाता.

3. आलस

आप चाहे कितने ही टैलेंटेड हों, लेकिन अगर आप आलस करके अपने समय को गवां देते हैं, तो जीवन में कभी सफलता हासिल नहीं कर सकेंगे. इसलिए आगे बढ़ना है तो आलस का त्याग करें.

4. संशय

जो भी फैसला लें तो उसके परिणामों के बारे में अच्छे से सोच लें और एक बार फैसला लेने के बाद संशय न करें. अपने फैसले पर भरोसा रखें और पूरी मेहनत के साथ प्रयास करें. संशय आपके फैसले को कमजोर बनाने का काम करता है और इससे आपकी सफलता दूर होती है. इसलिए संदेह की आदत को छोड़ दें.

5. चिंता

चिंता को चिता के समान माना गया है जो व्यक्ति को अंदर ही अंदर खोखला बना देती है. इसलिए व्यर्थ की चिंता करने की आदत को त्याग दीजिए. यदि कुछ करना है तो चिंतन कीजिए. चिंतन करने से आपको अपनी समस्या का हल मिलेगा.

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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