धर्म-अध्यात्म

राहु-केतु के प्रकोप से बचने के लिए ये रत्न आएंगे काम

Gulabi
24 Feb 2022 2:59 PM GMT
राहु-केतु के प्रकोप से बचने के लिए ये रत्न आएंगे काम
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राहु-केतु के प्रकोप
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के शुभ-अशुभ प्रभावों से बचने के लिए रत्नों के बारे में बताया गया है. रत्नों को धारण करने से उनके प्रभावों को कम किया जा सकता है. लेकिन ज्योतिष अनुसार रत्न हमेशा ज्योतिष की सालह से ही धारण करना चाहिए. बिना ज्योतिष की सालह और कुंडली दिखाए रत्न धारण करने से उनका विपरीत प्रभाव पड़ता है. रत्न शास्त्र में हर ग्रह के हिसाब से रत्न बताए गए हैं.
कुंडली में राहु-केतु के प्रभावों को कम करने के लिए रत्न शास्त्र में सुलेमानी हकीक के बारे में बताया गया है. इस रत्न को हकीक, अकीक और अगेट के नाम से भी जाना जाता है. हकीक कई ग्रहों का उपरत्न है. यह रत्न राहु, केतु और शनि के दोषों को कम करने में मददगार साबित होता है. इतना ही नहीं, इसका इस्तेमाल तंत्र-मंत्र में भी किया जाता है. मान्यता है कि हकीक धारण करने से जीवन में आने वाली सभी परेशानियों को दूर किया जा सकता है. आइए जानते हैं हकीक के फायदे और नुकसान के बारे में.
हकीक रत्न के रंग
रत्न शास्त्र में हकीक के कई रंगों के बारे में बताया गया है. इसमें काले, दूधिया सफेद, ग्रे, नीले, हरे, गुलाबी, भूरा रंग आदि शामिल हैं.
हकीक रत्न के फायदे
- बिजनेस में बढ़तोरी करने के लिए शुक्रवार के दिन 2 हकीक ऑफिस में रख दें. वहीं, बुधवार के दिन ऑफिस की तिजोरी में रख दें. घर की कलह आदि दूर करने में हकीक मददगार है.
- घर के लड़ाई-झगड़े दूर करने के लिए शनिवार के दिन एक हकीक लेकर पूरे परिवार के ऊपर से वार दें और दक्षिण दिशा की ओर फेंक दें. ऐसा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है.
- आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए पूजा घर में 2 हकीक रख दें. ऐसा करने से जातक को एकदम से फर्क नजर आता है.
- वहीं,तनाव से छुटकारा पाने के लिए भी हकीक धारण करने की सलाह दी जाती है.
- राहु-केतु और शनि के प्रभावों को कम करने के लिए हकीक काफी लाभदायक है.
- हकीक की माला से हनुमान जी के मंत्रों का जाप बहुत लाभकारी रहता है. हर बाधाओं से छुटकारा पाने के लिए हकीक की माला पहन सकते हैं.
हकीक धारण करने के नुकसान
- बिना ज्योतिष की सालह के इसे पहनने से इसका व्यक्ति के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है.
- रत्न शास्त्र के अनुसार, काला रंग राहु, नीला रंग शनि, पीला रंग गुरु, सफेद रंग चंद्र और शुक्र का है. इसलिए ज्योतिष को कुंडली दिखाने के बाद ही सही रत्न धारण करें. ताकि उसका सही लाभ मिल सके.
- हकीक धारण करते समय रत्ती का भी ध्यान रखें. कहते हैं इसका जातक के जीवन पर बुरा असर पड़ता है.
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