धर्म-अध्यात्म

ये हैं गुरु के कमजोर होने की निशानियां, पढ़ाई से लेकर करियर तक में करना पड़ता है संघर्ष

Tulsi Rao
10 Dec 2021 3:57 AM GMT
ये हैं गुरु के कमजोर होने की निशानियां, पढ़ाई से लेकर करियर तक में करना पड़ता है संघर्ष
x
गुरु ग्रह वैसे तो ज्ञान का कारक ग्रह हैं, लेकिन यह भाग्‍य भी बढ़ाता है. यदि गुरु कमजोर हो तो जातक को जिंदगी के कई क्षेत्रों में असफलताएं झेलनी पड़ती हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कुंडली के ग्रह ही व्‍यक्ति का भाग्‍य तय करते हैं. यदि ग्रह अच्‍छे हों तो उससे संबंधित क्षेत्रों में जातक को शुभ फल मिलते हैं. वहीं ग्रह कमजोर हो तो उससे संबंध‍ित क्षेत्र में व्‍यक्ति मुसीबतें झेलता है. लेकिन 9 ग्रहों में गुरु ऐसा ग्रह है जिसे ज्योतिष में सबसे शुभ ग्रह माना गया है क्‍योंकि यह ग्रह अच्‍छा हो तो जिंदगी के कई पहलुओं में जातक को शुभ फल मिलते हैं.

भाग्‍य वृद्धि करता है गुरु
गुरु भाग्‍य बढ़ाने वाला ग्रह है. यदि कुंडली में गुरु मजबूत हो तो व्‍यक्ति ऊंची शिक्षा पाता है. करियर में उत्‍तरोत्‍तर सफलताएं पाता है. उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत रहती है. उसका वैवाहिक जीवन अच्‍छा चलता है. कुल मिलाकर उसकी जिंदगी खुशहाल बीतती है. जबकि गुरु की दुर्बलता जिंदगी में कई तरह की समस्‍याएं लाता है.
ये है गुरु की दुर्बलता के संकेत
गुरु दुर्बल है या मजबूत है, इसकी पहचान कई तरह से की जा सकती है. जैसे -
- गुरु कमजोर हो तो जातक को पैसों की तंगी से जूझना पड़ता है. उनके कामों में बार-बार रुकावटें आती हैं.
- कमजोर गुरु शिक्षा पाने में भी मुश्किलें लाता है. ऐसे में जातक को या तो पढ़ाई बीच में ही छोड़ने पड़ती है या वह मनमुताबिक पढ़ाई नहीं कर पाता है.
- गुरु के दुर्बल होने से करियर में भी संघर्ष करना पड़ता है.
- कमजोर गुरु सेहत पर भी बुरा असर डालता है. ऐसे में जातक को गले, सांस, कफ, कान, लीवर, हड्डियों से जुड़ी समस्‍याएं हो सकती हैं.
इन कामों से कमजोर होता है गुरु
ज्‍योतिष के मुताबिक कुछ काम ऐसे होते हैं, जो गुरु को कमजोर बनाते हैं. लिहाजा इन कामों से बचना चाहिए. गुरुवार के दिन बाल-नाखून काटने, साबुन और तेल का उपयोग करने से गुरु कमजोर होता है. इसके अलावा ऐसे लोग जो बुजुर्गों का अपमान करते हैं. उनका भी गुरु ग्रह कमजोर हो जाता है. यदि गुरु कमजोर हो तो उसे मजबूत करने के उपाय कर लेना ही बेहतर होता है.


Next Story