धर्म-अध्यात्म

Paush Month में इन कार्यों की है सख्त मनाही, अनदेखी से झेलना पड़ेगा प्रकोप

Tara Tandi
18 Dec 2024 11:48 AM GMT
Paush Month  में इन कार्यों की है सख्त मनाही, अनदेखी से  झेलना पड़ेगा प्रकोप
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Paush Month ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में वैसे तो सभी महीनों को महत्वपूर्ण बताया गया है लेकिन पौष माह खास है जो कि हिंदू पंचांग का दसवां महीना होता है। पौष का महीना धार्मिक और आध्यात्मिक दोनों ही रूप से अहम माना जाता है। इस महीने की शुरुआत मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा के अगले दिन से हो जाती है।
पौष माह में भगवान सूर्यदेव और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है क्योंकि यह महीना श्री सूर्यदेव और जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है मान्यता है कि इस महीने इनकी पूजा अर्चना करने से जीवन के कष्टों का निवारण हो जाता है और सुख समृद्धि में वृद्धि होती है। इस बार पौष माह का आरंभ 16 दिसंबर से हो चुका है और समापन 14 जनवरी को हो जाएगा। ऐसे में आज हम आपको इस महीने से जुड़े को नियम बता रहे हैं साथ ही यह भी बताएंगे कि पौष माह में किन कार्यों की सख्त मनाही है, तो आइए जानते हैं विस्तार से।
पौष माह में ध्यान रखें ये बातें—
आपको बता दें कि पौष माह को पूस का महीना भी कहा जाता है इस पूरे महीने में शादी विवाह, मुंडन व अन्य मांगलिक कार्यों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए इन्हें करने की सख्त मनाही है। इसके अलावा पौष माह में गृह प्रवेश, देवता पूजन, मुंडन, जनेउ जैसे शुभ कार्य भी नहीं किए जाते हैं ऐसा करने से देवताओं का प्रकोप झेलना पड़ सकता है।
पौष माह में पड़ने वाले रविवार के दिन उपवास जरूर करें इस दिन भगवान सूर्यदेव को चावल और खिचड़ी का भोग लगाना चाहिए। इससे सूर्यदेव की कृपा बरसती है। इसके अलावा इस माह पड़ने वाली शुभ तिथि जैसे अमावस्या ,एकादशी को पितरों का पूजन करना चाहिए। गरीबों व जरूरतमंदों को दान देना चाहिए इससे पुण्य फलों में वृद्धि होती है।
पौष माह में तामसिक चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए। इससे पाप लगता है। इसके अलावा इस पवित्र महीने में तांबे के लोटे से भगवान सूर्यदेव को जल अर्पित करें साथ ही ऊँ सूर्याय नम: इस मंत्र का सभी जाप करें। मान्यता है कि ऐसा करने से सुख सौभाग्य बढ़ता है और रोगों से भी छुटकारा मिल जाता है।
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