धर्म-अध्यात्म

गायत्री मंत्र में छिपी हैं ये 24 शक्तियां, बड़ी बड़ी परेशानियां हो जाती है दूर, जानिए इसकी महिमा

Renuka Sahu
11 Jun 2022 5:55 AM GMT
These 24 powers are hidden in Gayatri Mantra, big problems go away, know its glory
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फाइल फोटो 

मां गायत्री को वेद माता कहा जाता है. मान्यता है कि चारों वेदों की उत्पत्ति मां गायत्री से ही हुई है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मां गायत्री (Maa Gayatri) को वेद माता कहा जाता है. मान्यता है कि चारों वेदों की उत्पत्ति मां गायत्री से ही हुई है. हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मां गायत्री के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस बार गायत्री जयंती (Gayatri Jayanti) 11 जून को मनायी जाएगी. गायत्री माता को परम शक्तिशाली माना गया है. कहा जाता है कि ब्रह्मा विष्णु और महेश भी गायत्री माता की पूजा किया करते हैं. सृष्टि के आरंभ में जब ब्रह्मा जी ने मां गायत्री का आवाह्न किया था, तब उनके मुख से खुद ही गायत्री मंत्र निकल पड़ा था. गायत्री मंत्र को बेहद शक्तिशाली माना गया है. मान्यता है कि इस मंत्र में चारों वेदों का सार छिपा है. इसके 24 अक्षरों में 24 शक्तियां समाहित हैं. ये मंत्र किसी भी काम में सफलता दिला सकता है. पहले गायत्री मंत्र सिर्फ देवी देवताओं तक ही सीमित था, लेकिन महर्षि विश्वामित्र ने कठोर तपस्या करके इस मंत्र को आम जन तक पहुंचाया. आइए गायत्री जयंती के मौके पर जानते हैं गायत्री मंत्र की महिमा.

ये है गायत्री मंत्र के 24 अक्षरों का कमाल
गायत्री मंत्र 24 अक्षरों से मिलकर बना है. इसका हर अक्षर अपने आप में परम शक्तिशाली है. माना जाता है कि गायत्री मंत्र के इन 24 अक्षरों में चौबीस अवतार, चौबीस ऋषि, चौबीस शक्तियां, चौबीस सिद्धियां और चौबीस शक्ति बीज शामिल हैं. जब कोई भी व्यक्ति इस मंत्र का जाप करता है तो उसके शरीर में सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होती है और ईश्वरीय शक्ति का अहसास कराती है. ये मंत्र आपके चंचल मन को नियंत्रित करता है. विद्यार्थी अगर इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करें तो उनकी एकाग्रता बढ़ती है.
गायत्री मंत्र में छिपी हैं ये 24 शक्तियां
गायत्री मंत्र में 24 तरह की ​शक्तियां छिपी हुई हैं. ये शक्तियां हैं- सफलता शक्ति, पराक्रम शक्ति, पालन शक्ति, कल्याण शक्ति, योग शक्ति, प्रेम शक्ति, धन शक्ति, तेज शक्ति, रक्षा शक्ति, बुद्धि शक्ति, दमन शक्ति, निष्ठा शक्ति, धारण शक्ति, प्राण शक्ति, मर्यादा शक्ति, तप शक्ति, शांति शक्ति, कॉल शक्ति, उत्पादक शक्ति, रस शक्ति, आदर्श शक्ति, साहस शक्ति, विवेक शक्ति और सेवा शक्ति.
गायत्री मंत्र का अर्थ भी समझें
आप जिस गायत्री मंत्र का जाप करते हैं, उसका अर्थ भी समझना काफी जरूरी है, ताकि आप ये जान सकें कि आप इस मंत्र के जरिए ईश्वर से क्या प्रार्थना करते हैं. गायत्री मंत्र 'ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्' इसका अर्थ है कि उस प्राणस्वरूप, दुखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशनाशक, देवस्वरूप परमात्मा का हम ध्यान करें. वो परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करें.
कुंडली में सूर्य को प्रबल करता है गायत्री मंत्र
कहा जाता है कि गायत्री मंत्र का जाप आपकी कुंडली में सूर्य की स्थिति को प्रबल करता है. यदि किसी का सूर्य मजबूत हो तो करियर ग्रोथ अच्छी होती है, समाज में व्यक्ति का मान सम्मान बढ़ता है, नकारात्मक विचार परेशान नहीं करते और तमाम रोग ठीक हो जाते हैं. यदि आपका मन एकाग्र नहीं हो पाता, तो गायत्री मंत्र आपके मन को एकाग्र करने में भी मदद करता है. इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करके व्यक्ति किसी भी काम के लिए शक्ति अर्जित कर सकता है और उस कार्य में सफल हो सकता है.
गायत्री मंत्र के जाप का तरीका भी जानें
गायत्री मंत्र का पूर्ण रूप से लाभ लेने के लिए आपको इस मंत्र के जाप के सही तरीके के बारे में भी जानने की जरूरत है. गायत्री मंत्र का जाप शुद्ध उच्चारण के साथ बोलकर करना चाहिए. तब इसका प्रभाव ज्यादा अच्छा होता है. आप इस मंत्र का जाप हमेशा दिन में ही उच्चारण के साथ बोलकर करें. गायत्री मंत्र के जाप के लिए सूर्योदय से पूर्व से लेकर सूर्योदय होने तक का समय सर्वश्रेष्ठ है. इसके अलावा दोपहर और सूर्यास्त से पहले तक भी आप इसका जाप कर सकते हैं.
सूर्यास्त के बाद न करें इस मंत्र का उच्चारण
गायत्री मंत्र सूर्य को शक्ति प्रदान करता है, इसलिए इसका प्रभाव चढ़ते सूरज के समय में अधिक होता है. इसलिए सूर्यास्त के बाद गायत्री मंत्र को बोलकर जाप नहीं करना चाहिए. सूर्यास्त के बाद आप अगर इस मंत्र का जाप करना चाहते हैं तो मन में ही कर सकते हैं. जब भी जाप करें, तब जाप के दौरान कुश के आसन पर बैठें और पूर्व या पश्चिम की ओर मुख करें और तुलसी या चंदन की माला से इसका जाप करें.
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