धर्म-अध्यात्म

गजानन के ये 108 नाम, 10 दिनों तक करें इनका जप

Manish Sahu
19 Sep 2023 7:00 PM GMT
गजानन के ये 108 नाम, 10 दिनों तक करें इनका जप
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धर्म अध्यात्म: पूरे देश में गणेश चतुर्थी की धूम है. सनातन धर्म में भगवान गणेश की उपासना प्रथम देव के रूप में की जाती है. हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है और गणेश चतुर्थी से लेकर अगले 10 दिनों तक गणपति बप्पा को सनातन धर्म के मानने वाले लोग अपने घरों में स्थापित करते हैं. इस दौरान विधि विधान पूर्वक गणपति का स्मरण करते हुए पर्व मनाते हैं.
धार्मिक मान्यता के मुताबिक, भगवान गणेश की उपासना करने से जीवन में आए तमाम दुख दूर होते हैं और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, गणेश उत्सव के दौरान अगर जातक भगवान गणेश के 108 नाम का जाप करे तो जीवन में सभी प्रकार की परेशानियां दूर होंगी. अयोध्या के प्रकांड विद्वान पवन दास शास्त्री बताते हैं कि विघ्नहर्ता मंगल कर्ता गणपति बप्पा के कई नाम हैं, लेकिन अगर जातक गणेश चतुर्थी के दौरान गणपति बप्पा के 108 नाम की उपासना करते हैं तो जीवन में आई तमाम परेशानियां दूर होती हैं.
गणपति बप्पा के 108 नाम
ॐ गणेश्वराय नमः, ॐ गणाध्यक्षाय नमः, ॐ गणाराध्याय नमः, ॐ गणप्रियाय नमः, ॐ गणनाथाय नमः, ॐ गणस्वामिने नमः, ॐ गणेशाय नमः, ॐ गणनायकाय नमः, ॐ गणमूर्तये नमः, ॐ गणपतये नमः, ॐ गणत्रात्रे नमः, ॐ गणंजयाय नमः, ॐ गणपाय नमः, ॐ गणक्रीडाय नमः, ॐ गणदेवाय नमः, ॐ गणाधिपाय नमः, ॐ गणज्येष्ठाय नमः, ॐ गणश्रेष्ठाय नमः, ॐ गणप्रेष्ठाय नमः, ॐ गणाधिराजाय नमः, ॐ गणराजे नमः, ॐ गणगोप्त्रे नमः, ॐ गणाङ्गाय नमः, ॐ गणदैवताय नमः, ॐ गणबंधवे नमः, ॐ गणसुहृदे नमः, ॐ गणाधीशाय नमः, ॐ गणप्रदाय नमः, ॐ गणप्रियसखाय नमः, ॐ गणप्रियसुहृदे नमः, ॐ गणप्रियरतोनित्याय नमः, ॐ गणप्रीतिविवर्धनाय नमः, ॐ गणमण्डलमध्यस्थाय नमः, ॐ गणकेलिपरायणाय नमः, ॐ गणाग्रण्ये नमः, ॐ गणेशाय नमः, ॐ गणगीताय नमः, ॐ गणोच्छ्रयाय नमः, ॐ गण्याय नमः, ॐ गणहिताय नमः, ॐ गर्जद्गणसेनाय नमः, ॐ गणोद्यताय नमः, ॐ गणप्रीतिप्रमतनाय नमः, ॐ गणप्रीत्यपहारकाय नमः, ॐ गणनार्हाय नमः, ॐ गणप्रौढाय नमः, ॐ गणभर्त्रे नमः, ॐ गणप्रभवे नमः, ॐ गणसेनाय नमः, ॐ गणचराय नमः, ॐ गणप्राज्ञाय नमः, ॐ गणैकराजे नमः, ॐ गणाग्र्याय नमः, ॐ गण्यनाम्ने नमः, ॐ गणपालनतत्पराय नमः, ॐ गणजिते नमः, ॐ गणगर्भस्थाय नमः, ॐ गणप्रवणमानसाय नमः, ॐ गणगर्वपरिहर्त्रे नमः, ॐ गणाय नमः, ॐ गणनमस्कृते नमः, ॐ गणार्चितांघ्रियुगलाय नमः, ॐ गणरक्षणकृते नमः, ॐ गणध्याताय नमः, ॐ गणगुरवे नमः, ॐ गणप्रणयतत्पराय नमः, ॐ गणागणपरित्रात्रे नमः, ॐ गणादिहरणोदराय नमः, ॐ गणसेतवे नमः, ॐ गणनाथाय नमः, ॐ गणकेतवे नमः, ॐ गणाग्रगाय नमः, ॐ गणहेतवे नमः, ॐ गणग्राहिणे नमः, ॐ गणानुग्रहकारकाय नमः, ॐ गणागणानुग्रहभुवे नमः, ॐ गणागणवरप्रदाय नमः, ॐ गणस्तुताय नमः, ॐ गणप्राणाय नमः, ॐ गणसर्वस्वदायकाय नमः, ॐ गणवल्लभमूर्तये नमः, ॐ गणभूतये नमः, ॐ गणेष्ठदाय नमः, ॐ गणसौख्यप्रदाय नमः, ॐ गणदुःखप्रणाशनाय नमः, ॐ गणप्रथितनाम्ने नमः, ॐ गणाभीष्टकराय नमः, ॐ गणमान्याय नमः, ॐ गणख्याताअय नमः, ॐ गणवीताय नमः, ॐ गणोत्कटाय नमः, ॐ गणपालाय नमः, ॐ गणवराय नमः, ॐ गणगौरवदाय नमः, ॐ गणगर्जितसंतुष्टाय नमः, ॐ गणस्वच्छंदगाय नमः, ॐ गणराजाय नमः, ॐ गणश्रीदाय नमः, ॐ गणभीतिहराय नमः, ॐ गणमूर्धाभिषिक्ताय नमः, ॐ गणसैन्यपुरःसराय नमः, ॐ गुणातीताय नमः, ॐ गुणमयाय नमः, ॐ गुणत्रयविभगकृते नमः, ॐ गुणिने नमः, ॐ गुणकृतिधराय नमः, ॐ गुणशालिने नमः, ॐ गुणप्रियाय नमः
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