धर्म-अध्यात्म

सावन महीने में कालसर्प दोष का निवारण कराने से होंगे बहुत ज्यादा लाभ, जानिए व्रत-पूजा की सही विधि

Admin4
24 July 2021 5:26 PM GMT
सावन महीने में कालसर्प दोष का निवारण कराने से होंगे बहुत ज्यादा लाभ, जानिए व्रत-पूजा की सही विधि
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हिंदू धर्म में सावन या श्रावण महीने का खास महत्व है. इस महीने में भगवान शंकर की पूजा की जाती है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- नई दिल्‍ली: 24 जुलाई को आषाढ़ मास के समाप्त होते ही 25 जुलाई से सावन महीना (Sawan Month) शुरू हो जायेगा, जो 22 अगस्त तक चलेगा. हिंदू धर्म में सावन या श्रावण महीने का खास महत्व है. इस महीने में भगवान शंकर की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में सोमवार (Monday) को व्रत रखने और भगवान शंकर की पूजा करने वाले जातक को मनचाहा जीवनसाथी मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है. विवाहित औरतें यदि सावन सोमवार का व्रत (Sawan Somvar Vrat) रखती हैं तो शिव जी (Shiv Ji) उन्हें सौभाग्य का वरदान देते हैं. ज्योतिषाचार्य मदन गुप्ता सपाटू से जानते हैं इस महीने के अहम व्रत, महूर्त और पूजा विधि.

16 सोमवार की भी होती है शुरुआत
आमतौर पर 16 सोमवार व्रत की शुरुआत सावन महीने के सोमवार से की जाती है. वहीं सावन महीने में मंगलवार का व्रत देवी पार्वती के लिए किया जाता है, जिसे मंगला गौरी व्रत कहते हैं. इस साल सावन महीने में 4 सोमवार पड़ेंगे. जो कि क्रमश: 26 जुलाई 2021, 2 अगस्त, 9 अगस्त और 16 अगस्त को पड़ेंगे.
इस बीच सावन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को सावन में पड़ने वाली शिवरात्रि (Sawan Shivratri) का व्रत किया जाएगा. यह तिथि 6 अगस्त को पड़ रही है और पारणा 7 अगस्त को किया जाएगा. सावन शिवरात्रि की निशिता काल पूजा का मुहूर्त 7 अगस्त, शनिवार की सुबह 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक केवल 43 मिनट के लिए रहेगा. वहीं पारणा का मुहूर्त 7 अगस्त की सुबह 5 बजकर 46 मिनट से दोपहर 3 बजकर 45 मिनट तक रहेगा.
ऐसे करें सावन सोमवार का व्रत और पूजा
सावन सोमवार के दिन सुबह उठकर सबसे पहले पानी में काला तिल मिलाकर स्नान करें. इसके बाद पवित्र मन से भगवान शिव का स्मरण करते हुए सोमवार व्रत का संकल्प लें. घर के मंदिर में दीप जलाएं. सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें. शिवलिंग पर गंगा जल और दूध चढ़ाएं, बेल पत्र और फूल अर्पित करें. ऊं नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते हुए भगवान शंकर को सुपारी, पंचामृत चढ़ाएं. व्रत की कथा पढ़ें. इसके बाद भगवान शिव की आरती करें और सात्विक चीजों का भोग लगाएं. जितनी ज्‍यादा हो सके भगवान शिव की आराधना करें. नजदीक में मंदिर हो तो वहां भी शिवलिंग पर जल और दूध अर्पित करें. शाम को भी भगवान शंकर और मां पार्वती की अर्चना जरूर करें. शिव चालीसा पढ़ें.
कराएं कालसर्प दोष का निवारण
जिन लोगों की कुंडली में राहू दोष या कालसर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) है उन्हें सावन महीने में विधिवत तरीके से इसका निवारण सुयोग्य पंडित द्वारा करा लेना चाहिए. इस महीने में निवारण करने से ज्‍यादा लाभ मिलता है. साथ ही ऐसे जातकों को इस महीने रुद्राभिषेक भी करना चाहिए.


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