- Home
- /
- अन्य खबरें
- /
- धर्म-अध्यात्म
- /
- भगवान राम के जीवन में...

x
नॉलेज : ज्योतिष शास्त्र अनुसार जातक का जन्म जिस नक्षत्र में होता है उसका प्रभाव पूरे जीवन काल में देखने को मिलता है नाम अक्षर का निर्धारण भी जन्मे जातक के नक्षत्र चरण से ज्ञात होता है नक्षत्र स्वयं प्रकाशित हैं और ग्रह स्वयं प्रकाशित नहीं होते हैं। श़ास्त्र में सूर्य को ग्रह माना गया है ऋगवेद में सूर्य को नक्षत्र भी कहा गया है।
नक्षत्रों की कुल संख्या 27 है। राम जी का जन्म अभिजित नक्षत्र में हुआ था। यह पूर्व में माना जाता था। क्योंकि पूर्वाषाढ़ा के अंदर ही आ जाता है अभिजित नक्षत्र,वर्तमान में कुल 27 नक्षत्र हैं। रामायाण में कहा गया है कि चैत्र शुक्ल नवमी के दिन भगवान राम का जन्म अभिजित नक्षत्र में हुआ था। वाल्मीकि कहते हैं कि जिस समय राम का जन्म हुआ उस समय पांच ग्रह अपनी उच्च राशि में स्थिति थे। गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस लिखा है
Next Story