धर्म-अध्यात्म

पूजा-पाठ में धूपदीपऔरअगरबत्ती जलाने का खास महत्त्व है,धूप देने के ये भी मिलते हैं फायदे

Kajal Dubey
26 Nov 2021 4:29 AM GMT
पूजा-पाठ में धूपदीपऔरअगरबत्ती जलाने का खास महत्त्व है,धूप देने के ये भी मिलते हैं फायदे
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पूजा-पाठ में धूपदीप और अगरबत्ती जलाने का खास महत्त्व है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पूजा-पाठ (Worship) में धूप (Dhoop) दीप और अगरबत्ती जलाने का खास महत्त्व है. इसको जलाये बिना पूजा अधूरी सी मानी जाती है. कहा जाता है कि पूजा के दौरान धूप-दीप जलाने से घर से नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मकता (Positivity) बढ़ती है. पूजा के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली धूपबत्ती जड़ी-बूटियों से तैयार की जाती है. जब इसको जलाया जाता है तो इसकी सुगंध से कीटों-पतंगे तो दूर होते ही हैं. साथ ही घर का माहौल भी खुशनुमा लगने लगता है.

पूजा के दौरान धूप जलाने के और क्या फायदे होते हैं आइये जानते हैं.
मानसिक शांति मिलती है
पूजा के दौरान धूपबत्ती जलाने से मानसिक शांति मिलती है. तो वहीं मन को भी प्रसन्नता महसूस होती है. इसलिए पूजा के दौरान धूपबत्ती जरूर जलानी चाहिए.
निगेटिविटी दूर होती है
पूजा-पाठ के दौरान धूपबत्ती (Dhupbatti)जलाने से घर से निगेटिविटी दूर होती है और पॉजिटिविटी बढ़ती है. शास्त्रों के अनुसार धूपबत्ती जलाने से घर का माहौल बेहतर बनता है. इसी वजह से धूपबत्ती जरूर जलानी चाहिए.
ईश्वर प्रसन्न होते हैं
माना जाता है कि पूजा-पाठ के दौरान धूपबत्ती जलाने से ईश्वर खुश होते हैं. शास्त्रों के अनुसार धूपबत्ती की सुगंध देवी-देवताओं को बहुत प्रिय होती है. इससे वो खुश होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं.
तनाव दूर होता है
धूपबत्ती आपके तनाव को दूर करने में भी अच्छी भूमिका निभाती है. अगर आप किसी तरह के स्ट्रेस से गुजर रहे हैं तो सुबह और शाम को भगवान की आरती के समय धूपबत्ती जलाएं. ऐसा करने से आपका तनाव कुछ ही मिनटों में दूर हो जाएगा.
धूप देने के ये भी मिलते हैं फायदे
घर में धूप जलाने से मन, शरीर और घर में शांति बनी रहती है. इसके साथ ही रोग और शोक भी दूर होते हैं. गृहकलह और आकस्मिक घटना-दुर्घटना नहीं होती है. साथ ही घर का वास्तुदोष भी मिट जाता है. ग्रह-नक्षत्रों से होने वाले बुरे असर भी धूप देने से कम हो जाते हैं.
इस तरह से तैयार करें धूप
वैसे तो बाजार में धूपबत्ती बनी हुई मिलती है. लेकिन अगर आप धूप को घर पर तैयार करना चाहें तो चंदन, कुष्ठ, नखल, राल, गुड़, शर्करा, नखगंध, जटामांसी, लघु और क्षौद्र सभी को समान मात्रा में मिलाकर धूप बनाई जा सकती है. ये बाजार में मौजूद रेडीमेड धूप से ज्यादा असरदार होती है. साथ ही इसकी सुगंध भी मन और मस्तिष्क को सुकून पहुंचाती है


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