धर्म-अध्यात्म

आपके भी घर में भी है पितरों की तस्वीर, तो जान लें ये बातें

Subhi
10 Sep 2022 3:58 AM GMT
आपके भी घर में भी है पितरों की तस्वीर, तो जान लें ये बातें
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ज्यादातर घरों में आपने पूर्वजों की तस्वीर या फोटो लगी देखी होगी। लोग घर के बुजुर्गों के आशीर्वाद के लिए निधन के बाद उनकी तस्वीरों को लगाते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर पर पितरों की तस्वीरों को लगाने से पहले कुछ बातों का जानना जरूरी होता है।

ज्यादातर घरों में आपने पूर्वजों की तस्वीर या फोटो लगी देखी होगी। लोग घर के बुजुर्गों के आशीर्वाद के लिए निधन के बाद उनकी तस्वीरों को लगाते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर पर पितरों की तस्वीरों को लगाने से पहले कुछ बातों का जानना जरूरी होता है। अन्यथा जीवन में मुश्किलें बड़ सकती हैं। इस साल 10 सितंबर 2022 से पितृपक्ष शुरू हो रहे हैं, जो कि 25 सितंबर 2022 तक रहेंगे। जानिए घर में बुजुर्गों या पूर्वजों की तस्वीर लगाते समय किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है-

1. पूर्वजों की तस्वीर लटकाएं नहीं-

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में पूर्वजों की तस्वीर या फोटो लटकाना नहीं चाहिए। इसे हमेशा लकड़ी के स्टैंड पर ही रखना चाहिए।

2. बहुत तस्वीरें न लगाएं-

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर पर पितरों की बहुत तस्वीरें नहीं लगानी चाहिए। इसके अलावा ऐसी तस्वीरों को उस जगह पर न लगाएं, जहां सभी की नजर पहले पड़ती हो। कहते है कि मृत व्यक्ति की तस्वीरों पर नजर पड़ने से नेगेटिविटी पैदा होती है।

3. पितरों और देवताओं का स्थान अलग-

आमतौर पर लोग पूजा स्थल पर ही पितरों की तस्वीरों को भी रख देते हैं और पूजा करते हैं। शास्त्रों में पितरों का स्थान भले ही उच्च माना गया है, लेकिन पितरों और देवताओं का स्थान अलग होता है। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को जीवन में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

4. इन जगहों पर न लगाएं फोटो-

पितरों की तस्वीर को बेडरूम, घर के बीचों-बीच और रसोई घर में नहीं लगानी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से पारिवारिक शांति भंग होती है।

5. जिंदा लोगों के साथ न लगाएं तस्वीर-

वास्तु शास्त्र के अनुसार, पितरों की तस्वीरों को कभी भी जिंदा व्यक्ति की फोटो के साथ न लगाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से जिंदा लोगों की आयु कम होती है।

6. इस दिशा में लगाएं पितरों की तस्वीर-

वास्तु शास्त्र के अनुसार, पितरों की फोटो हमेशा उत्तर दिशा की दीवारों में ही लगानी चाहिए। शास्त्रों में दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा माना गया है।

क्रेडिट : लाइव हिंदुस्तान

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