धर्म-अध्यात्म

लगभग 6000 साल पुराने ऐसे मंदिर जहां हैं जहां सिर्फ तांत्रिकों को ही प्रवेश मिलता था

Neha Dani
12 July 2023 10:00 AM GMT
लगभग 6000 साल पुराने ऐसे मंदिर जहां हैं जहां सिर्फ तांत्रिकों को ही प्रवेश मिलता था
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धर्म अध्यात्म : आस्था और अंधविश्वास के बीच की कड़ी बहुत ही कमज़ोर होती है. मानों तो भगवान नहीं तो पत्त्थर की मूर्ति है. भारत में अनेकों ऐसे रहस्यमयी मंदिर हैं जिनके सामने विज्ञान आज भी नतमस्तक हो चुका है. भगवान है, चमत्कार होते हैं ये सब बातें आज भी लोग मानते हैं लेकिन जिन्हें प्रमाण की तलाश है उन्हें इस तरह के चमत्कारी मंदिरों में एक बार जरूर जाना चाहिए. इस स्टोरी में हम आपको लगभग 6000 साल पुराने ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां सिर्फ तांत्रिकों को ही प्रवेश मिलता था. आम इंसान इस मंदिर में जाने से पहले डरता था लेकिन आज इस मंदिर के द्वार सभी लोगों के लिए खुले हैं. ये ऐसा मंदिर है जहां आप भगवान को खाते-पीते देख सकते हैं. जी हां... पुजारी आपके दिया प्रसाद से जब भगवान की मूर्ति को भोग लगाता है तो आपके सामने देखते ही देखते सारा प्रसाद खत्म हो जाता है. उसका एक कण भी कहीं नज़र नहीं आता. आइए जानते हैं कहां है ये मंदिर और कैसे भगवान पर चढ़ा सारा प्रसाद देखते ही देखते खत्म हो जाता है. कहां है तांत्रिकों का ये मंदिर
मध्यप्रदेश के उज्जैन में महाकाल के मंदिर से लगभग पांच किलोमीटर की दूरी पर ये मंदिर है. काल भैरव के इस मंदिर को तांत्रिक मंदिर भी कहा जाता है. इस मंदिर का इतिहास 6000 साल पुराना बाताया जाता है. इस मंदिर की गिनती वाम मार्ग के मंदिरों में होती है. वाम मार्ग के मंदिरों में मांस, मदिरा, बलि, मुद्रा जैसे प्रसाद चढ़ाए जाते हैं. तांत्रिक क्रियाओं के लिए मशहूर इस मंदिर में प्रचीन काल में सिर्फ तांत्रिकों को ही जाने की इजाज़त होती थी. विशेष अवसरों पर तांत्रिक काल भैरव को मदिरा का भोग लगाते थे.लेकिन जैसे-जैसे समय बदला इस मंदिर में सभी लोगों को जाने के अनुमति मिलने लगी. तांत्रिक क्रियाओं का तो पता नहीं लेकिन आज भी बाबा को मदिरा का भोग लगाया जाता है. मदिरापान करते समय कोई पर्दा नहीं होता. यानि जब आप भगवान को भोग लगाते हैं तो आपके देखते ही देखते भोग में चढ़ायी मदिरा खत्म हो जाती है. ये मदिरा कहां जाती है इसका आजतक कोई प्रमाण नहीं मिला है. दिन भर यहां भगवान भोग स्वरूप मदिरापान करते हैं और भक्तों की आस्था उन पर बढ़ती जा रही है.
मान्यता है कि इस मंदिर में सच्चे मन से आप जो भी मुराद मांगते हैं वो पूरी हो जाती है और भगवान साक्षात आपके काम बनाने आपके साथ जाते हैं. लोगों का ये भी मानना है कि आप किसी के लिए अगर दिल में मैल रख उसका बुरा करने के बारे में सोचकर जाते हैं तो भगवान आपको माफ नहीं करते और आपको उसका दंड भी भोगना पड़ता हैतो आप भी अगर आस्था और विश्वास से भरे इस मंदिर में बाबा काल भैरव की महिमा को देखना चाहते हैं तो यहां जरूर जाएं. ध्यान रखें किसी का बुरा नहीं लेकिन अपना अच्छा होने की कामना मन में रखें. बाबा काल भैरव दयालु हैं और मान्यता है कि उनकी कृपा आप पर हो जाए तो कोई आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता.
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