धर्म-अध्यात्म

सिर्फ इतने दिनों में पूरी होती है मन्नत, जानें दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर की विशेषताएं

Manish Sahu
1 Aug 2023 3:54 PM GMT
सिर्फ इतने दिनों में पूरी होती है मन्नत, जानें दगडूशेठ हलवाई गणपति मंदिर की विशेषताएं
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धर्म अध्यात्म: श्रीमंत दगड़ूशेठ हलवाई गणपति मंदिर पुणे पुणे, महाराष्ट्र, भारत में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है. यह मंदिर गणेश भगवान को समर्पित है और इसे लोकप्रिय धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है. मंदिर का निर्माण दगड़ूशेठ हलवाई नामक व्यापारी श्रेष्ठ दिनानाथ पाटील द्वारा किया गया था और यह 1891 में बनाया गया था. शास्त्रों में बप्पा यानी गणपति को पंचभूत कहा गया है. ऐसा भी माना जाता है कि धरती आकाश, आग, हवा और जल की सारी शक्तियां भगवान गणेश में ही समाहित हैं.
श्रीमंत दगड़ूशेठ हलवाई ने क्यों बनवाया मंदिर
पुराने जानकारों की मानें को 18वीं शताब्दी मे जब प्लेग नाम की महामारी फैली तो उसमें दुर्भाग्यवश उनके पुत्र की मुत्यु हो गई. बेटे की आकाल मृत्यु ने श्रीमंत दगड़ूशेठ हलवाई को इतना मानसिक तनाव दिया कि वो लाचार महसूस करने लगे. तब इस दुख से उबरने के लिए आध्यात्मिक गुरु श्री माधवनाथ महाराज की सलाह पर उन्होंने गणपति का मंदिर बनवाया. तब से अब तक ये कहा जाता है जो भी अपना कोई भी दर्द लेकर यहां जाता है वो खुशी खुशी यहां से लौटता है.
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक का संबंध
कहते हैं कि लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने पुणे में इसी मंदिर से गणेश उत्त्सव की शुरुआत की थी. ये मंदिर मूर्ति की भव्यता की वजह से तो प्रसिद्ध है ही लेकिन यहां का गणेश उत्त्सव भी बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है.
इतने दिन में जरूर पूरी होती है मन्नत
कहते हैं सच्चे दिल से भगवान से आप जो भी मांगते हो आपकी मुराद भगवान जरुर पूरी करते हैं. विघ्नहरण गणपति को मनोकामना पूर्ण करने के देवता है. उनके यहां से कोई खाली हाथ नहीं जाता. खासकर ऐसी भी मान्यता है कि जो भी पूणें के श्रीमंत दगड़ूशेठ हलवाई मंदिर में गणपति के दर्शनों के लिए जाता है उसकी मन्नत 30 दिनों के अंदर ही पूरी हो जाती है. इस मंदिर को वास्तुशास्त्र के हिसाब से बनाया गया है. मंदिर के मुख्य मंडप की दीवारों पर आदिशक्तियों की उभरी हुई झांकी भी देखने को मिलती है.
क्या है मंदिर में विराजमान गणपति की विशेषता
पुणे के श्रीमंत दगड़ूशेठ हलवाई मंदिर में भगवान गणेश की 7.5 फ़ीट उंची और 4 फिट चौड़ी एक मूर्ति है. इस मूर्ति को लगभग 8 किग्रा सोने से सुसज्जित कर स्थापित किया गया था. मंदिर के निर्माण में विशेष शैली को उपयोग है जिससे भगवान की पीठासीन प्रतिमा मंदिर के बाहर से ही दिखाई देती है.
तो आप अगर पुणें में हैं और गणपति बप्पा का आशीर्वाद पापा चाहते हैं तो आप यहां उनके दर्शन करने जा सकते हैं. वैसे सालभर में यहां दूर-दूर से देश विदेश से लोग हर साल माथा टेकने आते हैं.
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