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रत्न शास्त्र के मुताबिक पुखराज गरु का रत्न है. इसे धारण करने से गुरु ग्रह मजबूत होता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | रत्न शास्त्र के मुताबिक पुखराज गरु का रत्न है. इसे धारण करने से गुरु ग्रह मजबूत होता है. हालांकि इस रत्न को धारण करते वक्त बेहद सावधानी बरतनी होती है, क्योंकि इसका नुकसान भी हो सकता है. पुखराज के कई किस्म हैं, जिनमें से एक नीला पुखराज है. जानते हैं नीला पुखराज के बारे में.
पांच रंगों में मिलते हैं पुखराज
पुखराज पांच रंगों में पाए जाते हैं. पीला, भूरा, उजला, हरा, और नीला आदि रंगों में पुखराज मिलता है. असली पुखराज पारदर्शी होता है. इस रत्न को 24 घंटे दूध में रखने के बाद ही अगर इसमें फीकापन ना आए तो समझा जाता है कि यह असली है.
नीली पुखराज पहनने के फायदे
नीला पुखराज धारण करने से क्रोध पर नियंत्रण रहता है. साथ ही इसे धारण करने से आकर्षण शक्ति भी बढ़ती है. इसके अलावा प्रेम संबंधों के लिए भी यह रत्न अच्छा माना जाता है. मान्यता है कि इस रत्न को धारण करने से सच्चा प्यार मिलता है. विवाह में आ रही दिक्कतों को दूर करने में भी यह सहायक होता है.
किसे नहीं पहनना चाहिए पुखराज
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक वृषभ, मिथुन, तुला, मकर, कन्या और कुंभ लग्न की राशि वालों को पुखराज धारण करने से बचना चाहिए. साथ ही पुखराज के साथ हीरा और पन्ना धारण नहीं करना चाहिए. वहीं धनु लग्न में अगर गुरु ग्रह की स्थिति सही नहीं है तो ऐसे में पुखराज को गले में धारण करना चाहिए.
कौन पहन सकता है पुखराज
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक धनु और मीन राशि वालों को पुखराज धारण करने की सलाह दी जाती है. इसके अलावा कुंडली में गरु ग्रह की स्थिति को ध्यान में रखकर मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक और धनु राशि वाले भी पुखराज धारण कर सकते हैं.
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