धर्म-अध्यात्म

सावन का महीना आज से शुरू, भूलकर भी न चढ़ाएं भगवान शिव को पूजा में ये 8 वस्तुएं

Renuka Sahu
14 July 2022 5:44 AM GMT
The month of Sawan starts from today, dont forget to offer these 8 things to Lord Shiva in worship
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फाइल फोटो 

शिव जी का प्रिय माह सावन आज से शुरु हो गया है. पूरे सावन माह में विधि विधान से शिव जी की पूजा-अर्चना की जाती है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शिव जी का प्रिय माह सावन (Sawan) आज से शुरु हो गया है. पूरे सावन माह में विधि विधान से शिव जी (Lord Shiva) की पूजा-अर्चना की जाती है. सभी लोग उनकी पूजा में कम से कम गाय का दूध, गंगाजल, बेलपत्र, भांग और धतूरा चढ़ाते हैं. लेकिन कई बार लोग अनजाने में शिव जी की पूजा में ऐसी वस्तुएं भी चढ़ा देते हैं, जो उनके लिए वर्जित मानी गई हैं. शिव पूजा में भूलवश भी उन वस्तुओं का उपयोग नहीं करना चाहिए. देवताओं को उनकी प्रिय वस्तुएं ही अर्पित करते हैं, ताकि वे प्रसन्न हों और मनोकामनाओं की पूर्ति करें. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव बता रहे हैं कि कौन सी वस्तुएं शिव पूजा में वर्जित हैं.

शिव पूजा में वर्जित वस्तुएं
1. तुलसी का पत्ता
भगवान शिव की पूजा में तुलसी का पत्ता नहीं चढ़ाते हैं क्योंकि भगवान शिव ने वृंदा के पति असुरराज जालंधर का वध किया था. उसके बाद वृंदा ने स्वयं अपना जीवन समाप्त कर लिया और जहां उन्होंने प्राण त्याग किया, उस स्थान पर तुलसी का पौधा उग आया.
2. नारियल या श्रीफल
शिव पूजा में नारियल या श्रीफल वर्जित है. श्रीफल का संबंध माता लक्ष्मी से है और वे भगवान विष्णु की पत्नी हैं. इस वज​ह से भगवान शिव को नारियल अर्पित नहीं करते हैं.
3. सिंदूर या कुमकुम
लोग भूलवश​ माता पार्वती के साथ शिव जी को भी सिंदूर या कुमकुम लगा देते हैं. ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि ​सिंदूर श्रृंगार से जुड़ी वस्तु है और शिव स्वयं संन्यासी और तपस्वी हैं. उनको सिंदूर या कुमकुम न लगाएं.
4. हल्दी
शिव जी की पूजा में हल्दी का भी उपयोग नहीं किया जाता है. हल्दी को भी श्रृंगार और सौंदर्य से जुड़ी वस्तु माना जाता है. यह भी शिव पूजा में वर्जित माना गया है.
5. शंख
भगवान शिव की पूजा करते समय शंख का उपयोग नहीं करते हैं. जैसे शंख में गंगाजल भरकर शिव जी का अभिषेक करना. भगवान शिव ने शंखचूड़ नामक राक्षस का वध किया था, तो उसके हड्डियों से शंख का निर्माण हुआ. इस वजह से शिव पूजा में शंख वर्जित है.
6. केतकी का फूल
शिव जी केतकी के फूल को अपनी पूजा में स्वीकार नहीं करते हैं. इसका कारण है कि केतकी के फूल ने ब्रह्मा जी के झूठ में साथ दिया था. तब से केतकी का फूल शिव जी से शापित है. इसकी कथा शिवपुराण में है.
7. ये फूल भी हैं वर्जित
शिव पूजा में केवड़े का फूल, कनेर, कमल और लाल रंग के फूल वर्जित हैं. शिव जी को सफेद रंग वाले फूल चढ़ाने चाहिए.
8. तिल और टूटे अक्षत्
शिव पूजा में तिल और टूटे अक्षत् का उपयोग नहीं करते हैं. माना जाता है कि तिल की उत्पत्ति भगवान विष्णु के मैल से हुई थी, वहीं अक्षत् का अर्थ क्षति से रहित अर्थात् आप जो भी चावल अक्षत् के रूप में चढ़ाते हैं, वह पूरा होना चाहिए, टूटा हुआ नहीं.

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