धर्म-अध्यात्म

मंदिर से जूते-चप्पल चोरी होने का मतलब, इसलिए माना जाता है शुभ

Tulsi Rao
14 July 2022 9:34 AM GMT
मंदिर से जूते-चप्पल चोरी होने का मतलब, इसलिए माना जाता है शुभ
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Astro Tips: मंदिर के बाहर जूते-चप्पल उतार कर भगवान के दर्शन को जाते हैं. लेकिन कई बार व्यक्ति के मन में ये डर बना रहता है कि कहीं उसकी चप्पल या जूते चोरी न हो जाएं. अगर किसी जातक के साथ ऐसा होता है, तो परेशान होने के जगह उन्हें खुश होना चाहिए. ज्योतिष के अनुसार मंदिर के बाहर से जूते-चप्पलों को चोरी होना शुभ माना जाता है. लेकिन अगर ये शनिवार के दिन होता है, तो ही शुभ माना जाता है.

मंदिर से जूते-चप्पल चोरी होने का मतलब
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंदिर के बाहर शनिवार के दिन अगर किसी के जूते-चप्पल चोरी हो जाते हैं, तो इसका अर्थ होता है कि व्यक्ति को बुरे वक्त से छुटकारा मिलने वाला है. वहीं, व्यक्ति को दरिद्रता से भी मुक्ति मिल जाएगी. कर्ज आदि से छुटकारा मिल जाएगा. आइए जानें शनिवार के दिन जूते-चप्पलों का चोरी होना क्यों शुभ माना जाता है.
इसलिए माना जाता है शुभ
शनिवार के दिन मंदिर से जूतों का गायब होना इसलिए शुभ माना जाता है कि इससे शनि के द्वारा होने वाली परेशानियों से निजात मिल जाती है. माना जाता है कि शनि का वास पैरों में होता है. इसलिए पैरों से संबंधित होने के कारण जूते-चप्पलों का कारक शनि को माना जाता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चप्पल का दान करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है. कुंडली में शनि की दशा खराब होने पर व्यक्ति के बनते काम बिगड़ जाते हैं. उन्हें किसी भी कार्य में आसानी से सफलता नहीं मिलती. ऐसे में अगर किसी व्यक्ति के जूते-चप्पल मंदिर में शनिवार के दिन चोरी हो जाते हैं, तो उसे शुभ संकेत माना जाता है.मंदिर से जूते-चप्पल, चोरी होने का मतलब, इसलिए माना जाता है शुभ, Shoes and slippers from the temple mean to be stolen, hence it is considered auspicious

चमड़ा और पेंट दोनों का ही संबंध शनि देव से होता है. वहीं, कुछ लोग शनिवार के दिन मंदिर में अपने जूते-चप्पल भी छोड़ आते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति के कष्ट शनिदेव कम कर देते हैं.


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