धर्म-अध्यात्म

गणेश उत्सव के 10 दिनों के बीच चमकेगी इन राशियों की किस्मत

Tara Tandi
10 Sep 2021 8:07 AM GMT
गणेश उत्सव के 10 दिनों के बीच चमकेगी इन राशियों की किस्मत
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19 सितंबर यानी आज गणेश चतुर्थी से 10 दिनों के लिए गणेश उत्सव की शुरुआत हो रही है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| 19 सितंबर यानी आज गणेश चतुर्थी से 10 दिनों के लिए गणेश उत्सव की शुरुआत हो रही है. ये उत्सव 19 सितंबर को अनंत चतुर्दशी तक चलेगा. हर साल इस त्योहार को देश के तमाम हिस्सों में काफी धूमधाम से ​मनाया जाता है. गणपति जी को सुखकर्ता और दुखहर्ता कहा जाता है. मान्यता है कि यदि गणपति जी की कृपा हो जाए तो सारे विघ्न दूर हो जाते हैं और कोई भी काम सफलता के साथ पूरा होता है. ज्योतिष के अनुसार गणेश फेस्टिवल के 10 दिन 4 राशियों के लिए काफी शुभ होने वाले हैं. जानिए उन राशियों के बारें.

वृषभ राशि : वृषभ राशि वाले बहुत मेहनती होते हैं, लेकिन इन्हें अक्सर मेहनत का फल देर से मिलता है. लेकिन ज्योतिष के अनुसार गणेश चतुर्थी का पर्व इनके लिए ढेर सारी खुशियां लेकर आ रहा है. इस दौरान ये भगवान गणेश का नाम लेकर कोई भी नया काम शुरू कर सकते हैं. बप्पा की कृपा से इनके ग्रहों की दशा इनके पक्ष में होगी और भाग्य इनका पूरा साथ देगा. इस कारण इन्हें मेहनत के अनुरूप पूरा फल प्राप्त होगा. इससे इनके यश की वृद्धि होगी और आर्थिक लाभ भी होगा.

मिथुन राशि : मिथुन राशि वालों के लिए गणेशोत्सव के दिन बहुत खास होने वाले हैं. इस दौरान गणपति की इन पर विशेष कृपा रहेगी. इन्हें इस मौके का लाभ उठाते हुए ऐसे काम करने चाहिए जो इनके और लोगों के हित में हों. इस दौरान मिथुन राशि के लोग जो भी करेंगे, सब में सफलता मिलेगी. इनको आर्थिक लाभ भी होगा.

सिंह राशि : सिंह राशि के लोगों के जीवन के उतार चढ़ाव को विराम लगने का समय आ गया है. गणेशोत्सव के 10 दिन काफी सुख लेकर आ रहे हैं. लंबे समय से काम में आ रहीं अड़चनें दूर होंगी. मेहनत का पूरा फल मिलेगा. आर्थिक समस्याएं भी कम होंगी.

कन्या राशि : कन्या राशि वालों के लिए ये समय भाग्य को चमकाने वाला है. इस दौरान आपके सभी मनोरथ सिद्ध होंगे. जो प्रतियोगी किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें मेहनत का फल प्राप्त होगा. भाग्य पूरी तरह से आपके साथ है, इस कारण रुके हुए काम बनेंगे. आर्थिक स्थिति बेहतर होगी और जीवनसाथी का हर काम में पूरा सहयोग मिलेगा.

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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