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सनातन धर्म में वैसे तो हर दिन का महत्व बताया गया हैं लेकिन सावन माह शिव साधना आराधना के लिए उत्तम होता हैं इस पूरे महीने में भक्त शिव भक्ति में लीन रहते हैं सावन अब समापन की ओर बढ़ चला हैं और आज यानी 28 अगस्त को सावन का आखिरी या आठवां सोमवार हैं।
जो कि शिव भक्ति के लिए बहुत ही खास माना जा रहा हैं क्योंकि इसी दिन शिव पूजा को समर्पित प्रदोष व्रत भी किया जा रहा हैं जो कि सावन का अंतिम प्रदोष व्रत हैं जिसे सोम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जा रहा हैं इस दिन भक्त भगवान शिव शंकर की विधि विधान से पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं।
मान्यता है कि सावन सोमवार और प्रदोष व्रत के दिन अगर प्रभु की पूरी निष्ठा भाव के साथ पूजा अर्चना की जाए तो उत्तम फलों की प्राप्ति होती हैं और सभी दुख कष्ट भी दूर हो जाते हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा इस दिन के महत्व के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं, तो आइए जानते हैं।
सावन के आखिरी सोमवार पर पूजा—
आपको बता दें कि सावन माह के अंतिम सोमवार के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करें इसके बाद घर के मंदिर में धूप दीपक करके शिव मंदिर जाए और वहां भगवान भोलेनाथ की विधिवत पूजा करें शिवलिंग का गंगाजल, दूध, शहद आदि से अभिषेक करें इसके बाद श्रद्धा विश्वास के साथ बेलपत्र, धतूरा अर्पित करें। फिर सभी पूजन सामग्री चढ़कर भगवान को भोग लगाएं और उनकी विधि विधान से आरती करें। इसके बाद पूजा में होने वाली भूल चूक के लिए क्षमा मांगे और दिनभर उपवास रखें।
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