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देव दीपावली पर लगेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, भूलकर भी न करें ये कार्य
इस वर्ष का अंतिम चंद्र ग्रहण 8 नवंबर 2022 मंगलवार को देव दीपावली और गुरु नानक जयंती के दिन लगेगा, जो 3 घंटे 04 मिनट तक रहेगा. भारत में ग्रहण का अधिकतम मान 2 घंटे 02 मिनट और न्यूनतम करीब 1 घंटे 10 मिनट रहेगा. इस दौरान श्रद्धालुओं को जप-तप करना चाहिए. ग्रहण से मोक्ष के बाद स्नान, दान करने का विशेष महत्व होता है. ग्रहण काल में मंदिरों में भी पट बंद कर दिए जाते हैं और मोक्ष होने के बाद ही सफाई और पूजा पाठ के साथ द्वार खोले जाते हैं. आइए सबसे पहले चंद्र ग्रहण के समय के बारे में जानते हैं.
चंद्र ग्रहण का समय
तारीख: 08 नवंबर 2022
ग्रहण प्रारंभ : 02:39 बजे दोपहर
ग्रहण मध्य : 04:29 बजे अपराह्न
ग्रहण समाप्ति: 6:19 बजे सायंकाल
सूतक प्रारंभ : 05:39 बजे प्रातः
चंद्र ग्रहण में ग्रहण से ठीक 9 घंटे पहले सूतक लगता है. सूतक के समय से ही भगवान की मूर्ति का स्पर्श वर्जित हो जाता है. इस काल में भोजन करना भी मना होता है, लेकिन इसमें शिशु, वृद्ध और रोगी को छूट रहती है. इस दौरान घर में बैठकर ईश्वर का चिंतन स्मरण किया जाना चाहिए. सोना भी ठीक नहीं है.
गर्भवती महिलाएं
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए. चंद्र ग्रहण के निगेटिव प्रभाव से गर्भस्थ शिशु को बचाने का सबसे सटीक तरीका तो यही है कि इस अवधि में गर्भवती महिलाएं घर के अंदर ही रहें. इन महिलाओं को किसी भी तरह चंद्रमा के सीधे संपर्क में नहीं आना चाहिए.
भारत के इन स्थानों पर दिखेगा चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण भारत के सभी स्थानों से दिखाई देगा. चन्द्रोदय के पूर्व ही ग्रहण आरंभ हो जाने से खण्ड और खग्रास ग्रहण का आरंभ भारत के किसी भी क्षेत्र से नहीं देखा जा सकेगा. भारत के पूर्वी भागों में खंड और खग्रास चंद्र ग्रहण का मोक्ष दिखेगा. जबकि, भारत के बाकी हिस्सों में खंड चंद्र ग्रहण का ही मोक्ष दिखाई देगा.
विश्व के इन देशों में दिखेगा ग्रहण
भारत सहित यह ग्रहण विश्व में उत्तरी-दक्षिणी अमेरिका, अटलांटिक महासागर, हिन्द महासागर, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, उत्तर-पूर्वी यूरोप, उत्तर-पश्चिम कनाडा, प्रशांत महासागर भूभागों में दिखाई देगा. चंद्र ग्रहण का प्रारंभ चन्द्रास्त के समय अर्जेन्टिना के पश्चिमी भाग के पश्चिमी भाग तथा उत्तरी चिली, बोलीविया, ब्राजील अटलांटिक महासागर क्षेत्रों में दिखाई देगा. चंद्र ग्रहण का मोक्ष चन्द्रोदय के समय हिन्द महासागर, भारत, कजाकिस्तान, पाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, अफगानिस्तान और पूर्वी रूस आदि क्षेत्रों में दिखाई देगा.