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11 मार्च को शिवरात्रि पर होगा कुंभ मेले का पहला शाही स्नान, कोरोना के चलते इस नियमों का करना पड़ेगा पालन
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| 14 जनवरी 2021 से कुंभ (Kumbh) मेले का आयोजन होने जा रहा है. हरिद्वार में मां गंगा के किनारे श्रद्धा से लाखों सिर झुकते हैं. आस्था और आध्यात्म का यह विश्व का सबसे बड़ा जमघट है जिसे कुंभ मेले (Kumbh Mela) के तौर पर जाना जाता है. शास्त्रों के अनुसार नक्षत्र और राशियां यह निर्धारित करती हैं कि चार निश्चित स्थानों में से किस स्थान पर कुंभ का आयोजन होना है. यह चार स्थान हैं हरिद्वार में गंगा तट, प्रयागराज में गंगा-यमुना-सरस्वती का संगम तट, नासिक में गोदावरी तट और उज्जैन में शिप्रा नदी का तट. ग्रहों के अद्भूत चाल और कोरोना के कारण इस बार हरिद्वार का कुंभ मेला प्रभावित हो रहा है. यह इस वर्ष 11वें साल बाद पड़ रहा है. आमतौर पर इसे हर 12वें वर्ष में मनाने की परंपरा है. ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार बृहस्पति के कुंभ राशि और सूर्य के मेष राशि में आने से ऐसा संयोग बनता है.