धर्म-अध्यात्म

नवरात्रि का पहला दिन होता है मां शैलपुत्री का

Ritisha Jaiswal
24 Sep 2022 11:54 AM GMT
नवरात्रि का पहला दिन होता है मां शैलपुत्री का
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शारदीय नवरात्रि 26 सितबंर यानी की सोमवार से शुरु हो रहे हैं। नौ दिन तक चलने वाले इन नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रुपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री का होता है

शारदीय नवरात्रि 26 सितबंर यानी की सोमवार से शुरु हो रहे हैं। नौ दिन तक चलने वाले इन नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रुपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री का होता है। मान्यताओं के अनुसार, विधि-विधान के साथ मां शैलपुत्री की पूजा करने से सारे मनोरथ पूरे हो जाते हैं। मां शैलपुत्री मां पार्वती का रुप हैं। सहज भाव से मां की पूजा करने से मां शीघ्र प्रस्नन हो जाती है। तो चलिए आपको बताते हैं कि मां शैलपुत्री कौन थी और उनका जन्म कैसे हुआ...

मां शैलपुत्री के जन्म की कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां शैलपुत्री का जन्म पर्वतराज हिमालय के यहां पर हुआ था। इसलिए मां को शैलसुता नाम से भी जाना जाता है। मां के दाहिने हाथ में त्रिशूल होता है। इस त्रिशूल में मां पापियों का नाश करती हैं। मां के बाएं हाथ में कमल का पुष्प ज्ञान और शांति का प्रतीक माना जाता है।
देवी शैलपुत्री की पूजा विधि
मां शैलपुत्री की पूजा करने के लिए सबसे पहले मां की तस्वीर स्थापित करके उसके नीचे लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ बिछाएं। इसके ऊपर केसर के साथ शं लिखकर मनोकामना पूर्ति के लिए गुटिका रख दें। पिर हाथ में लाल फूल लेकर ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ऊँ शैलपुत्री देव्यै नम:। मंत्र का जाप करें। इसके बाद फूल और मनोकामना गुटिका को मां की तस्वीर के आगे रखें। इसके बाद मां के लिए बनाया हुआ भोग उन्हें अर्पित करें।
कैसे करें मां को खुश
मां शैलपुत्री को लाल रंग बहुत ही पसंद है। मां की पूजा में सफेद रंग का इस्तेमाल करना बहुत ही शुभ माना जाता है। मां शैलपुत्री का स्वरुप भी सफेद रंग की साड़ी में दिखाई देता है। सफेद रंग को शांति और शुद्धता का प्रतिक भी माना जाता है। साथ ही मां की कृपा भी आप पर बनेगी। मां को आप देसी घी से बना प्रसाद अर्पित कर सकते हैं।
देवी शैलपुत्री का स्त्रोत पाठ
प्रथम दुर्गा त्वंहि भवसागर: तारणीम्। धन ऐश्वर्य दायिनी शैलपुत्री प्रणाभ्यम्।। त्रिलोजननी त्वंहि परमानंद प्रदीयमान्।। सौभाग्यरोग्य दायनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यहम्।। चराचरेश्वरी त्वंहि महामोह: विनाशिन। मुक्ति भुक्ति दायनीं शैलपुत्री प्रमनाम्यहम्।
मां शैलपुत्री का मंत्र
ओम् शं शैलपुत्री देव्यै: नम:। मंत्र पूरा होने के बाद मां के चरणों में अपनी मनोकामना को व्यक्त करके मां से प्रार्थना करें तथा श्रद्धा से मां की आरती और कीर्तन करें।


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