धर्म-अध्यात्म

इस दिन मनाया जाएगा गुड़ी पड़वा का त्योहार...जाने शुभ मुहुर्त और पूजा विधि

Subhi
1 April 2021 3:33 AM GMT
इस दिन मनाया जाएगा गुड़ी पड़वा का त्योहार...जाने शुभ मुहुर्त और पूजा विधि
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गुड़ी पड़वा के दिन हिन्दू नव संवत्सरारम्भ माना जाता है. चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा या वर्ष प्रतिपदा या उगादि कहा जाता है

गुड़ी पड़वा के दिन हिन्दू नव संवत्सरारम्भ माना जाता है. चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा या वर्ष प्रतिपदा या उगादि (युगादि) कहा जाता है. इस दिन हिन्दु नववर्ष का आरम्भ होता है. 'गुड़ी' का अर्थ 'विजय पताका' होता है. कहते हैं शालिवाहन ने मिट्टी के सैनिकों की सेना से प्रभावी शत्रुओं (शक) का पराभव किया. इस विजय के प्रतीक रूप में शालिवाहन शक का प्रारंभ इसी दिन से होता है. 'युग' और 'आदि' शब्दों की संधि से बना है 'युगादि'. आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में 'उगादि' और महाराष्ट्र में यह पर्व 'ग़ुड़ी पड़वा' के रूप में मनाया जाता है. इसी दिन चैत्र नवरात्रि का प्रारम्भ होता है.

गुड़ी पड़वा समय
गुड़ी पड़वा मंगलवार, अप्रैल 13, 2021 को
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – अप्रैल 12, 2021 को 08:00 ए एम बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त – अप्रैल 13, 2021 को 10:16 ए एम बजे
गुड़ी पड़वा महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने इस ब्रह्मांड का निर्माण किया था, इसलिए गुड़ी पड़वा के दिन, भगवान ब्रह्मा की पूजा, अर्चना की जाती हैं. मान्यता के अनुसार इस त्योहार पर सारी बुराईयों का नाश हो जाता है और सुख समृद्धि का आगमन होता है.
किस तरह मनाया जाता है गुड़ी पड़वा
गुड़ी पड़वा के दिन महाराष्ट्र में कई जुलूस आयोजित किए जाते हैं. लोग नए परिधानों पहनते हैं और अपने परिवार मित्रों एवं रिश्तेदारों के साथ इस उत्सव को उल्लास के साथ मनाते हैं. लोग अपने घरों में विशेष तौर पर पारंपरिक व्यंजन जैसे पूरन पोली और श्रीखंड आदि बनाते हैं. महाराष्ट्र में मीठे चावल भी बनाए जाते हैं इन चावलों को सक्कर भात कहा जाता है. इस दिन सूर्योदय के साथ ही विभिन्न अनुष्ठान a


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