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हेमकुंड साहिब के कपाट 22 मई को खुलेंगे साहिब यात्रा के लिए संगतों का पहला जत्था रवाना
जनता से रिश्ता वेब्डेस्क। देहरादूनः उत्तराखंड के चमोली जिले स्थित विश्व के सबसे ऊंचे (समुद्र तल से ऊंचाई के संदर्भ में) गुरुदवारे श्री हेमकुंड साहिब के लिए ऋषिकेश से संगतों का पहला जत्था रवाना हुआ। 15 हजार फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर स्थित हेमकुंड साहिब के कपाट 22 मई को खुल रहे हैं।
राज्य के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश में हेमकुंड साहिब ट्रस्ट से हेमकुंड साहिब यात्रा के लिए जाने वाले पंज प्यारों को सम्मानित कर उनकी अगुवाई में संगतों के प्रथम जत्थे को रवाना किया। इस अवसर पर राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने गुरूद्वारे में मत्था टेककर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। इस मौके पर राज्यपाल ने संगतों के हेमकुंड साहिब की यात्रा पर रवाना होने के दिन को बहुत पवित्र बताया और कहा कि उत्तराखंड की यह भूमि श्री गुरू गोविंद सिंह जी के पद चिन्हों पर चलने वाली असंख्य साधु संगतों की तपश्चर्या से पवित्र हुई है। उन्होंने कहा कि श्री हेमकुंड साहिब, ऊंचे हिमालय की बर्फीली चोटियों के बीच चांदी की चमक बिखेरते हुए पवित्र सरोवर की तरंगे, पवित्र निशान, साहिब की लहराती ध्वजा हमें आध्यात्मिक दिव्य शक्ति की अनुभूति कराती है।