धर्म-अध्यात्म

खुले बदरीनाथ धाम के कपाट, जानें इस मंदिर से जुड़ी अहम बातें

Apurva Srivastav
12 May 2024 5:53 AM GMT
खुले बदरीनाथ धाम के कपाट, जानें इस मंदिर से जुड़ी अहम बातें
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नई दिल्ली : बदरीनाथ धाम के कपाट आज यानी 12 मई को खुल गए हैं। मंदिर को फूलों से भव्य सजाया गया है। यह मंदिर उत्तराखंड के चमोली जिला में अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है। इससे पूर्व गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट 10 मई को खोल दिए गए हैं। बदरीनाथ मंदिर में भगवान बदरीनाथ जी की शालिग्राम पत्थर की स्वयंभू मूर्ति की विशेष उपासना की जाती है। ऐसे में आइए, बदरीनाथ मंदिर से जुड़ी कुछ अहम बातें जानते हैं।
बदरीनाथ मंदिर के कपाट 3 चाबी से खुलते हैं। एक चाबी उत्तराखंड के टिहरी राजपरिवार के राज पुरोहित के पास और दूसरी चाबी बदरीनाथ मंदिर के हक हकूकधारी मेहता लोगों के पास और तीसरी चाबी हक हकूकधारी भंडारी लोगों के पास होती है।
बदरीनाथ मंदिर दो पर्वतों के बीच स्थित है। इन पर्वतों को नारायण पर्वत के नाम से जाना जाता है। मान्यता के अनुसार, पर्वत पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु के अंश नर और नारायण ने तपस्या की थी। नर अगले जन्म में अर्जुन के रूप और नारायण भगवान श्री कृष्ण के रूप में पैदा हुए थे।
ग्रंथों के अनुसार, बदरीनाथ की मूर्ति शालग्रामशिला से बनी हुई है। बौद्धों के प्राबल्य के दौरान बुद्ध की मूर्ति मानकर पूजा शुरुआत की थी। बदरीनाथ धाम में शंकराचार्य जी ने छह महीने वास किया था। इसके पश्चात वह केदारनाथ धाम चले गए थे।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, जब बदरीनाथ धाम के कपाट खुलते हैं, तो उस दौरान मंदिर में जलने वाले दीपक के दर्शन करने का बेहद खास महत्व है। जब 6 महीने तक मंदिर बंद रहता है, तो देवता इस दीपक को जलाएं रखते हैं।
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