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ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रह-नक्षत्रों का राजा पुष्य नक्षत्र को माना गया है। पुष्य का अर्थ पोषण करना या पोषण करने वाला होता है। ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति में बदलाव का असर सभी 12 राशियों पर पड़ता है। ज्योतिष गणना में पुष्य नक्षत्र को सुख-समृद्धि व शुभ फल प्रदान करने वाला माना गया है। अक्टूबर का महीना ग्रहों की स्थिति के लिहाज से खास है। अक्टूबर में पुष्य नक्षत्र बन रहा है। जानें कब बनेगा पुष्य नक्षत्र व किसके लिए लाभकारी-
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पुष्य नक्षत्र कब बनेगा-
पुष्य नक्षत्र 18 अक्टूबर, दिन मंगलवार को ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 04 बजकर 30 मिनट से शुरू होगा, जो कि पूरे दिन व पूरी रात रहेगा। 19 अक्टूबर को सुबह 07 बजकर 11 मिनट तक रहेगा।
पुष्य नक्षत्र शुभ मुहूर्त-
पुष्य नक्षत्र 18 अक्टूबर को ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 04 बजकर 30 मिनट पर प्रारंभ होगा, जो कि 19 अक्टूबर को सुबह 07 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगा।
इस दिन कुछ ऐसी रहेगी ग्रहों की स्थिति-
18 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र में सूर्य और शुक्र दोनों ग्रह तुला राशि में रहेंगे। बुध व सूर्य मिलकर कन्या राशि में बुधादित्य योग अक्टूबर में बना रहे हैं। बुधादित्य योग को शुभ व लाभकारी माना गया है। 18 तारीख को सूर्य व शुक्र तुला राशि में होने से कई राशि वालों को लाभ मिलेगा।
इन राशियों को होगा लाभ-
पुष्य नक्षत्र के दिन शुक्र व सूर्य की तुला राशि में युति बनने से धनु, कन्या व मकर राशि वालों को लाभ मिलेगा। धनु राशि के जातकों को करियर व व्यापार में सफलता मिल सकती है। कन्या राशि वालों को आकस्मिक धन लाभ हो सकता है। इस अवधि में लंबे समय से अटका धन वापस मिल सकता है। नौकरी की तलाश करने वाले जातकों को शुभ समाचार मिल सकता है।