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किसी भी व्यक्ति के लिए उसका शयनकक्ष बहुत महत्वपूर्ण होता हैं जो कि पूरे दिन काम की थकान को शांत करने में बहुत सहायक होता हैं। शयनकक्ष किसी भी नवदंपत्ति के लिए भी बहुत जरूरी होता हैं जो कि उनके रिश्तों की मधुरता को दर्शाता हैं। नवविवाहित दम्पति का जीवन सुखमय हो इसके लिए बहुत जरूरी है कि उनका शयनकक्ष वास्तुसंगत हो। इसलिए आज हम आपके लिए शयनकक्ष से जुड़े वास्तु टिप्स लेकर आए हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में।
- सम्पूर्ण सुखद विश्राम के लिए सिर हमेशा दक्षिण की ओर एवं पैर उत्तर की ओर करके सोना ठीक रहता हैं।
- यदि टॉयलट शयनकक्ष में ही है तो उसका दरवाजा सदैव बंद रखने का प्रयास करें अन्यथा उसकी नकारात्मक ऊर्जा आपके जीवन में भी कड़वाहट घोल सकती है। पलंग के नीचे कबाड़ या कचरा जैसे सामान कभी गलती से भी न रखें।
- वास्तु के अनुसार बेडरूम में आईना नहीं होना चाहिए यदि है तो सोते वक्त उसे ढककर अवश्य रखें।
- बेडरूम में फर्नीचर लोहे का और आकार में धनुषाकार,अर्धचंद्राकार या वृत्ताकार नहीं होना चाहिए। इससे घर के सदस्यों का स्वास्थ्य खराब रहता है। आयताकार,चौकोर लकड़ी के फर्नीचर ही वास्तु में शुभ माने गए हैं।
- बेडरूम में लाइट बहुत तेज नहीं होनी चाहिए एवं लाइट ऐसी हो कि पलंग पर सीधा प्रकाश न पड़े। प्रकाश हमेशा पीछे या बाईं ओर से आना चाहिए।
- पलंग बेडरूम के दरवाजे के एकदम नजदीक नहीं होना चाहिए। यदि ऐसा होगा तो मन में अशांति व व्याकुलता बनी रहेगी।
- दीवारें कभी भी सफेद या लाल रंग की नहीं होनी चाहिए। गहरे रंग की अपेक्षा हल्का रंग बेहतर होता है। हरा, गुलाबी या आसमानी रंग अच्छा प्रभाव छोड़ता है, कमरे में सकारात्मक ऊर्जा पैदा करता है। आपसी मतभेदों को कम करने के लिए आप इन रंगों का प्रयोग पर्दे और बेडशीट के रूप में भी कर सकते हैं।
- अपराध, यातना, अशान्ति आदि के चित्र कमरे में न लगाएं। दम्पति के विवाह की तस्वीर कमरे में रखने से आपसी प्रेम बढ़ता है या राधा-कृष्ण की आलिंगनवद्ध तस्वीर लगाएं।
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