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कभी घरों की छत पर, कभी आंगन में दिखने वाली गौरैया की संख्या लगातार कम होते जा रही है. ये पक्षी आजकल यदा-कदा ही नजर आते हैं. इस पक्षी के संरक्षण के लिए वैश्विक स्तर पर "विश्व गौरैया दिवस" मनाया जाता है. गौरैया का मनुष्य जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है. वास्तु शास्त्र के मुताबिक, गौरैया जिस घर में अपना घोंसला बनाती है, उस घर से स्वतः ही 10 प्रकार के वास्तु दोष दूर होते है. वास्तु शास्त्र मानता है कि जिस घर की उत्तर दिशा और ईशान कोण में गौरैया अपना घोंसला बनाती है, वह उस घर के लिए अत्यंत शुभ होता है. घर के बिगड़े काम स्वतः ही बनने लगते हैं. किए जाने वाले हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है. आइए जानते हैं भोपाल के रहने वाले ज्योतिषी एवं पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से गौरैया से जुड़े शुभ और अशुभ संकेत.
क्यों शुभ होता है गौरैया का घर आना?
धर्म पुराणों के अनुसार, गौरैया पक्षी साहस और सावधानी के प्रतीक के रूप में माना जाता है. यह पक्षी आपको जीवन की परेशानियों में साहस दिखाना सिखाता है. साथ ही खुशियों की अहमियत याद दिलाने के लिए ये पक्षी आपके जीवन में आते हैं.
कुछ अन्य जानकारों का मानना है कि पक्षी घर में सद्भावना का संदेश लेकर आते है. यदि कोई पक्षी आपकी खिड़की पर आकर बैठता है तो यह परिवर्तन का प्रतीक माना जाता है.
यदि आद्यात्मिक रूप से देखा जाए तो यह पक्षी आपको जीवन में अलग-अलग चीज़ों का अनुभव करने के लिए अपने आराम क्षेत्र से बहार निकलने का संकेत देते हैं. खुले आकाश में उड़ने वाला पक्षी खुली सोच और विश्वास का प्रतीक है. यह हमें सिखाता है कि जीवन में कैसे परेशानियों से लड़कर उनसे छुटकारा पाया जा सकता है.