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इसलिए शिव जी से नाखुश थे दक्ष, शिव जी के लिए स्थान न देख दुखी हुईं सती
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Ramayan Story of Sati ji Suffered from not seeing place for Shiv Ji: लगभग 87 हजार वर्ष बीतने के बाद शिव जी ने श्री राम का नाम लेते हुए समाधि खोली तो सती जी ने जाना कि जगत के स्वामी जाग गए हैं. उन्होंने सती जी को सामने बैठने के लिए आसन दिया और श्रीहरि के बारे में बताने लगे. इधर प्रजापति का अधिकार पाकर दक्ष को भी घमंड हो गया. दक्ष ने एक यज्ञ आयोजित किया जिसमें शिव जी को छोड़कर अन्य सभी देवताओं, किन्नर, नाग, सिद्ध, गंधर्व आदि को पत्नियों सहित भाग लेने का निमंत्रण भेजा. आकाश मार्ग से देवताओं को जाते देख सती जी ने महादेव से पूछा तो उन्होंने कारण बताया दिया कि दक्ष प्रजापति यज्ञ कर रहे हैं जिसमें भाग लेने के लिए सभी जा रहे हैं. इस पर सती जी ने भी जाने की इच्छा व्यक्त की तो शिव जी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने न्योता नहीं भेजा है जबकि दक्ष ने अपनी बाकी सभी लड़कियों को बुलाया है. लेकिन मुझसे बैर होने के कारण उन्होंने तुमको भी भुला दिया है.