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धर्म-अध्यात्म
Temple Vastu Tips : कहां, किस दिशा में और कैसा होना चाहिए पूजा घर, जानें मंदिर से जुड़ी 10 जरूरी बातें
Deepa Sahu
13 July 2021 4:51 PM GMT
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घर का पूजा स्थल वो स्थान है जहां पर जाकर माथा टेकने पर कैसी भी चिंता या परेशानी हो उसके तनाव से मुक्ति मिल जाती है.
घर का पूजा स्थल वो स्थान है जहां पर जाकर माथा टेकने पर कैसी भी चिंता या परेशानी हो उसके तनाव से मुक्ति मिल जाती है. मन की शांति और ऊर्जा प्रदान करने वाले इस पवित्र स्थान को लेकर हमारे यहां कुछ नियम बताए गये हैं, जिनका पालन करने पर हमारी साधना शीघ्र ही सफल होती है और ईश्वरीय आशीर्वाद प्राप्त होता है. तो आइए जानते हैं घर में देवी-देवताओं के लिए पूजा बनवाते समय हमें किन वास्तु नियमों का पालन करना चाहिए —
घर में पूजा स्थल हमेशा उत्तर-पूर्व (ईशान) दिशा में बनाना चाहिए क्योंकि ईशान कोण शुभ प्रभावों से युक्त होता है. घर के इसी क्षेत्र में सत्व ऊर्जा का प्रभाव शत-प्रतिशत होता है.
घर के अंदर रखने वाले मंदिर के आकार की बात करें तो इसकी ऊंचाई उसकी चौड़ाई से दुगुनी होनी चाहिए.
घर के भीतर पूजाघर बनवाते हमेशा इस बात का ख्याल रखें कि इसके नीचे या ऊपर या फिर अगल-बगल शौचालय नहीं होना चाहिए.
घर की सीढ़ी के नीचे कभी पूजाघर नहीं बनाना चाहिए.
पूजाघर में कभी भी दिवंगत लोगों की फोटो नहीं रखना चाहिए.
पूजाघर में भूलकर भी खंडित मूर्ति या फटी-गली तस्वीर नहीं रखना चाहिए. ऐसी मूर्ति या फोटो को किसी पवित्र स्थान में गढ्ढा खोद दबा देना चाहिए.
पूजाघर में धन-संपत्ति छुपाकर रखना शुभ नहीं माना गया है .
घर के बेडरूम में कभी भी पूजाघर नहीं बनवाना चाहिए. यदि मजबूरी में बनाना भी पड़े तो उसे उस कमरे के ईशान कोण में बनाएं और रात को सोते समय उसमें परदा जरूर लगाएं.
ईश्वर की पूजा हमेशा पवित्र स्थान पर शांत चित्त मन से करना चाहिए.
कभी भी ईश्वर की प्रतिमा के ठीक सामने खड़े होकर पूजा-आरती नहीं करना चाहिए.
किस दिशा में करें किस देवी–देवता की पूजा
जिस तरह पूजा स्थल के लिए एक शुभ दिशा निर्धारित है, उसी तरह प्रत्येक देवी देवता की साधना आराधना के लिए भी एक दिशा सुनिश्चत की गई है. जैसे देवों में प्रथम पूजनीय गणपति की पूजा उत्तर दिशा में, लक्ष्मी माता एवं कुबेर की पूजा उत्तर-पूर्व में, शक्ति और हनुमान जी की पूजा दक्षिण दिशा में और श्री राम दरबार,बभगवान विष्णु एवं सूर्य की पूजा पूर्व दिशा में करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है.
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