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धर्म-अध्यात्म
तमिलनाडु के भक्तों ने तिरुपति मंदिर को किया 5 करोड़ रुपए का दान, जानिए कहां किए जाएंगे खर्च
Manish Sahu
13 Aug 2023 12:26 PM GMT
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धर्म अध्यात्म: दानदाता ही सबसे बड़ा पूण्य के भागीदार माने जाते हैं. इनके बगैर सेवा कार्य करना मुश्किल हो जाता है. दानदाताओं के सहयोग के बिना कोई भी धार्मिक कार्य नहीं किए जा सकते हैं. तमिलनाडु में नौ लोगों के एक समूह ने चेन्नई स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के विस्तार के वास्ते जमीन खरीदने के लिए तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) को सोमवार को पांच करोड़ रुपए का दान दिया. तमिलनाडु राज्य के लिए तिरुमला तिरुपति देवस्थानम TTD की स्थानीय सलाहकार समिति (LAC) के अध्यक्ष शेखर रेड्डी के नेतृत्व में दानदाताओं के प्रतिनिधिमंडल ने अन्नमय्या भवन में मंदिर निकाय के अध्यक्ष वाई वी सुब्बा रेड्डी को मांग ड्राफ्ट (DD) सौंपा.
जानें कहां किए जाएंगे खर्च
टीटीडी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि यह राशि चेन्नई के व्यस्त टी नगर में वेंकटनारायण रोड पर स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के विस्तार के लिए भूमि की प्रस्तावित खरीद में योगदान देने के लिए दी गई है. एलएसी ने मंदिर के विस्तार के लिए उससे सटी 35 करोड़ रुपए मूल्य की जमीन को चिह्नित किया है. इस भूखंड को खरीदने के लिए कुछ और लोग पहले ही आठ करोड़ रुपए से अधिक राशि दान दे चुके हैं. TTD तिरुपति स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर मंदिर का आधिकारिक संरक्षक है. जानकारी के अनुसार, तमिलनाडु और पुडुचेरी के लिए टीटीडी स्थानीय सलाहकार समिति के अध्यक्ष एजे शेखर रेड्डी हैं. उन्होंने चेन्नई में टीटीडी के टी नगर मंदिर में विस्तार कार्य करने का प्रस्ताव दिया था. तिरूपति ट्रस्ट ने 1975 में टी नगर में भगवान वेंकटेश्वर मंदिर की स्थापना की और यह मंदिर हर दिन भक्तों की भारी भीड़ को आकर्षित करता है.
अमीर मंदिरों में एक तिरुपति बालाजी
तिरुपति बालाजी मंदिर दुनिया के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है, जहां हर दिन हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु आकर माथा टेकते हैं. यह भारत में सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है. यहां पर साल के 12 महीनों में एक भी दिन ऐसा नहीं होता है, जब वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन करने के लिए भक्तों का तांता न लगा हो. ऐसा माना जाता है कि यह स्थान भारत के सबसे अधिक तीर्थयात्रियों के आकर्षण का केंद्र है. इसे विश्व के सर्वाधिक धनी धार्मिक स्थानों में से भी एक माना जाता है. प्रभु वेंकटेश्वर या बालाजी को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु ने कुछ समय के लिए स्वामी पुष्करणी नामक तालाब के किनारे निवास किया था. यह तालाब तिरुमाला के पास स्थित है. श्री वेंकटेश्वरैया का यह मंदिर सप्तगिरि की 7वीं पहाड़ी पर स्थित है, जो नाम से प्रसिद्ध है.
प्रसाद बनाने की रसोई को कहते हैं 'पोटू'
भगवान तिरुपति बालाजी मंदिर में चढ़ावे के लिए हर दिन यहां करीब तीन लाख लड्डू तैयार किए जाते हैं. लड्डू बनाने के लिए यहां एक खास जगह. मंदिर के विस्तार की जमीन को खरीदने के लिए कुछ और दानदाताओं ने पहले से 8 करोड़ रुपए से ज़्यादा का दान दिया हुआ है. टीटीडी (तिरूमाला तिरूपति देवस्थानम) तिरुपति में विश्व प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर मंदिर का आधिकारिक संरक्षक है.
तिरुपति मंदिर में बाल दान करने की परंपरा
तिरुपति बालाजी मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है. यह मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में तिरुमला पर्वत पर स्थित है और यह भारत के मुख्य तीर्थ स्थलों में से एक है. तिरुपति बालाजी का वास्तविक नाम श्री वेंकटेश्वर स्वामी है, जो स्वयं भगवान विष्णु हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्री वेंकटेश्वर अपनी पत्नी पद्मावती के साथ तिरुमला में निवास करते हैं. मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान वेंकटेश्वर के सामने प्रार्थना करते हैं, उनकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं. भक्त अपनी श्रद्धा अनुसार यहां आकर तिरुपति मंदिर में अपने बाल दान करते हैं.
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