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धर्म-अध्यात्म
शीघ्र विवाह के लिए करें ये उपाय, सुंदरकांड का करें पाठ
Tulsi Rao
19 May 2022 8:56 AM GMT

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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Remedy For Marriage: हिंदू धर्म में उपायों पर विशेष महत्व दिया गया है. किसी भी विशेष ग्रह के शुभ फलों की प्राप्ति के लिए उस ग्रह से संबंधित उपाय करने की सलाह दी जाती है. अगर आप भी विवाह में आ रही समस्याओं को दूर करना चाहते हैं या फिर विवाह में देरी के कारण को दूर करना चाहते हैं तो इसके लिए आज गुरुवार का दिन बेहद खास है. दरअसल, बता दें कि आज ज्येष्ठ माह की संकष्टी चतुर्थी भी है. पंचाग के अनुसार आज का दिन बेहद शुभ है. संकष्टी चतुर्थी विघ्नहर्ता गणेश जी को समर्पित है.
संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा का विधान है. वहीं, आज गुरुवार होने का कारण भगवान विष्णु का प्रिय दिन है. इस दिन पूज-पाठ और विशेष मनोकामना के लिए पूजा अर्चना की जाती है. पंचाग के अनुसार आज विशेष संयोग बन रहा है. आज के दिन पूजा और उपाय करने से विवाह में रही बाधाएं दूर होती हैं. आइए जानें आज आप क्या उपाय कर सकते हैं.
शीघ्र विवाह के लिए करें ये उपाय
कई बार तमाम कोशिशों और प्रयासों के बाद भी व्यक्ति के विवाह में बाधाएं आती रहती हैं. बिना किसी बड़े कारण के विवाह में देरी होती रहती है. अगर आप भी विवाह की समस्या से परेशान हैं तो भगवान विष्णु की गुरुवार के दिन पूजा करें. संभव हो सके, तो इस दिन व्रत रखना भी अच्छा माना जाता है. इसके साथ ही इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करें. साथ ही पीली चीजों का भोग लगाएं. और साथ ही, खुद भी इस दिन पीले रंग की चीजों का ही सेवन करें. बेसन के लड्डू, बेसन की रोटी का सेवन करें. इस दिन दान-पुण्य का कार्य करना भी विशेष फलदायी होता है.
सुंदरकांड का करें पाठ
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सुंदरकांड का पाठ भी विवाह में होने वाली देरी को दूर करने में सहायक है. मान्यता है कि सुदंरकांड का एक पाठ नियमित रूप से करने से लाभ होता है. लगातार 21 दिन तक सुंदरकांड का पाठ करने से व्यक्ति को विवाह में आ रही बाधाओं और अन्य परेशानियों से छुटकारा मिलता है. इस बात का ध्यान रखें कि जब ये पाठ करें, उस समय सामने हनुमान जी की तस्वीर या मां सीता भगवान श्री राम की मुद्रिका देते हुए तस्वीर लगाकर ही पूजा करें से लाभ होता है. सुंदरकांड की इस चौपाई का पाठ अवश्य करें.
जब जनक पाई वशिष्ठ आयसु ब्याह संवारिके।
मांडवी श्रुतकीरति उरमिला कुंवरि लाइ हंकारि के।।
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