धर्म-अध्यात्म

अष्टमी नवमी तिथि पर कन्या पूजन करते समय इन बातों का रखें खास ख्याल, जानिए इसका महत्व

Triveni
20 Oct 2020 4:14 AM GMT
अष्टमी नवमी तिथि पर कन्या पूजन करते समय इन बातों का रखें खास ख्याल, जानिए इसका महत्व
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आज शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन है. चौथा दिन मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा का होता है. 24 अक्टूबर को अष्टमी और नवमी एक ही दिन मनाई जाएगी

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| आज शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन है. चौथा दिन मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा का होता है. 24 अक्टूबर को अष्टमी और नवमी एक ही दिन मनाई जाएगी. इन दिन मां महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा करने का प्रावधान है. इन तिथियों पर कन्याओं को घरों में बुलाकर भोजन कराया जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं नवरात्रि के आखिरी दिन कन्या पूजन का क्या महत्व होता है और आपको कन्या पूजन करते समय किन बातों का ख्याल रखना चाहिए

क्या है कन्या पूजन का महत्व

नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथियों पर मां महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. इन तिथियों पर कन्याओं को घरों में बुलाकर भोजन कराया जाता है. नवरात्रि में नौ कन्याओं को भोजन करवाना चाहिए क्योंकि 9 कन्याओं को देवी दुर्गा के 9 स्वरुपों का प्रतीक माना जाता है. कन्याओं के साथ एक बालक को भी भोजन करवाना पड़ता है जिन्हें बटुक भैरव का प्रतीक माना जाता है. मां के साथ भैरव की पूजा जरूरी मानी गई है.

कन्या पूजन करते समय इन बातों का रखें ध्यान

– कन्याओं के साथ एक बालक को भी भोजन करवाना आवश्यक होता है क्योंकि उन्हें बटुक भैरव का प्रतीक माना जाता है. मां के साथ भैरव की पूजा आवश्यक मानी गई है.

– सिर्फ 2 वर्ष से लेकर 10 वर्ष की आयु तक की कन्याओं का कंजक पूजन करना चाहिए.

– कन्या पूजन के दौरान कन्याओं को साफ स्थान पर बैठा कर दूध और पानी से उनके पैर धोने के पश्चात उनके पैर छूकर उनका आशीर्वाद ग्रहण कीजिए.

– कन्या पूजन के दौरान जब आप कन्याओं को भोजन करा रहे हैं तो खीर पूड़़ी जरूर खिलाएं आप चाहे तो नमकीन में आलू अथवा कद्दू की सब्जी भी खिला सकते हैं.

– कन्याओं को भोजन कराने के पश्चात दान में रुमाल लाल चुनरी फल खिलौने आदि देकर उनके चरण स्पर्श कीजिए इसके पश्चात सम्मान पूर्वक उनको घर से विदा कीजिए यदि आप ऐसा करते हैं तो इससे दुर्गा माता की कृपा बनी रहती है.

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