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चंद्र ग्रहण के समय इन बातों का रखें खास ख्याल, जानिए क्या करना होगा और क्या नहीं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| इस वर्ष का आखिरी चंद्र 30 नवंबर को लगने वाला है। इस दिन कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि भी है। लेकिन यह पूर्ण चंद्र ग्रहण नहीं होगा। यह केवल उपछाया मात्र होगा। इस दौरान कुछ बातों का ख्याल रखना बेहद आवश्यक होता है। चंद्र ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए कुछ चीजों का ख्याल करना होता है जिसकी जानकारी हम आपको यहां रहे हैं। आइए ज्योतिषाचार्य दयानंद शास्त्री से जानते हैं चंद्र ग्रहण के समय क्या करें और क्या न करें।
चंद्र ग्रहण के समय क्या करें और क्या न करें:
ग्रहण काल के समय भोजन नहीं करना चाहिए। क्योंकि ये शरीर के लिए नुकसानदायक माना गया है।
घर में पके हुए भोजन में सूतक काल लगने से पहले ही तुलसी के पत्ते डालकर रख देने चाहिए। इससे भोजन दूषित नहीं होता है।
चन्द्र ग्रहण किसी भी मास की पूर्णिमा पर घटित होता हैं अतः भगवान सत्यनारायण की कथा करें।
जरूरतमंद लोगों को धन और अनाज का दान करें।
अपने इष्टदेव के मंत्रों का जाप करें। मंत्र जाप की संख्या कम से कम 108 होनी चाहिए।
शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। इससे चंद्र ग्रहण के बुरे प्रभावों का असर नहीं पड़ेगा।
ग्रहण के समय तेल मालिश करना, जल ग्रहण करना, मल-मूत्र विसर्जन, बालों में कन्घी करना, मञ्जन-दातुन करना तथा यौन गतिविधियों में लिप्त होना ग्रहण काल में प्रतिबन्धित माना जाता है।
ग्रहण से बारह घण्टे तथा चन्द्र ग्रहण से नौ घण्टे पूर्व से लेकर ग्रहण समाप्त होने तक भोजन नहीं करना चाहिए। यद्यपि बालकों, रोगियों तथा वृद्धों के लिए भोजन मात्र एक प्रहर यानी तीन घंटे के लिए ही वर्जित है।
ग्रहण से कई धार्मिक पहलू जुड़े हुए हैं। ग्रहण के दौरान कर्मकांड का भी प्रावधान है। लेकिन अगर चंद्र ग्रहण आपके शहर में दिखाई ना दे रहा हो लेकिन दूसरे देशों अथवा शहरों में दर्शनीय हो तो कोई भी ग्रहण से सम्बन्धित कर्मकाण्ड नहीं किया जाता है। लेकिन अगर मौसम की वजह से चन्द्र ग्रहण दर्शनीय न हो तो ऐसी स्थिति में चन्द्र ग्रहण के सूतक का अनुसरण किया जाता है।