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गंगा सप्तमी पर कर लें गंगाजल से जुड़े उपाय, होंगे जीवन के सारे कष्ट दूर
पुराणों के अनुसार गंगा सप्तमी के दिन गंगा नदी पर जाकर स्नान,ध्यान तथा दान करना चाहिए, इससे मनुष्य अपने सभी पापों से मुक्ति पाता है। यदि कोई मनुष्य पवित्र नदी तक नहीं जा पाता,तब वह अपने घर के पास की किसी नदी पर मां गंगा का स्मरण करते हुए स्नान करे और यह भी संभव नहीं हो तो मां गंगा की कृपा पाने के लिए इस दिन गंगाजल का स्पर्श और सेवन अवश्य करना चाहिए। विष्णु पुराण में लिखा है कि गंगा का नाम लेने, सुनने, उसे देखने, उसका जल पीने,स्पर्श करने, उसमें स्नान करने तथा सौ योजन (कोस) से भी गंगा नाम का उच्चारण करने मात्र से मनुष्य के तीन जन्मों तक के पाप नष्ट हो जाते हैं। इतना ही नहीं इस दिन गंगाजल से जुड़े कुछ सरल उपाय करने से अनेक प्रकार की परेशानियां दूर होती हैं।
आर्थिक तरक्की के लिए
यदि किसी भी कारण आपकी आर्थिक तरक्की रुक गई है तो इस दिन आप गंगाजल को चांदी के पात्र में भरें और उसे अपने घर की उत्तर पूर्व दिशा में रख दें। इससे आपकी समस्या जल्द हल हो जाएगी। गंगाजल को हमेशा अपने पूजा स्थल और किचन के उत्तर-पूर्व में रखें,धीरे-धीरे आपको आर्थिक लाभ के साथ तरक्की और सफलता मिलने लगेगी। जिस घर में गंगाजल रखा होता है वहां सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और उस घर में स्थिर लक्ष्मी का वास होता है।
घर में गंगाजल का छिड़काव
कई बार वास्तु सम्मत भवन बनाने के बाद भी उसमें वास्तुदोष रह जाते हैं,जिसके कारण परिवार के सदस्यों को आर्थिक, शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यदि ऐसा है तो आप अपने घर में गंगाजल का छिड़काव करें। नित्य ऐसा करने से वास्तुदोष का प्रभाव खत्म होगा और घर में सकारात्मक ऊर्जा स्तर का बढ़ेगा, जिससे आपके कष्ट धीरे-धीरे दूर हो जाएंगे।
ग्रह शांति के लिए
गंगा सप्तमी से शुरू करके यदि आप शिवलिंग पर गंगाजल से अभिषेक करेंगे तो भोलेनाथ जल्द ही प्रसन्न होंगे और कुंडली में ग्रहों की स्थिति मजबूत होगी और जीवन से सभी विकार नष्ट हो जाएंगे। इसी प्रकार हर शनिवार एक लोटे में साफ जल भरें और उसमें थोड़ा सा गंगाजल डाल लें ये जल पीपल को चढ़ाएं ऐसा करने से शनि के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है।