धर्म-अध्यात्म

चैत्र नवरात्रि में कर लें आसान उपाय, नुकसान-कर्ज से मिलेगी राहत

Subhi
3 April 2022 4:14 AM GMT
चैत्र नवरात्रि में कर लें आसान उपाय, नुकसान-कर्ज से मिलेगी राहत
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कड़ी मेहनत के बाद भी कुछ लोगों को पूरा फल नहीं मिलता है. उनके जीवन में पैसों की तंगी खत्‍म होने का नाम नहीं लेती है.

कड़ी मेहनत के बाद भी कुछ लोगों को पूरा फल नहीं मिलता है. उनके जीवन में पैसों की तंगी खत्‍म होने का नाम नहीं लेती है. इसके पीछे कई कारण जैसे- फिजूलखर्ची, धन हानि आदि शामिल हैं. इसके लिए बजट बनाकर चलने, सोच-समझकर निर्णय लेने के अलावा धन की देवी मां लक्ष्‍मी की कृपा होनी भी जरूरी है. मां लक्ष्‍मी की कृपा पाने के लिए नवरात्रि का समय बहुत अच्‍छा माना गया है. 2 अप्रैल 2022 से चैत्र नवरात्रि शुरू हो चुकी हैं. इस दौरान कुछ खास काम किए जाएं तो आर्थिक समस्‍याओं से निजात मिल सकती है.

मां लक्ष्‍मी होंगी प्रसन्‍न

देवी-देवताओं की आराधना करने से मन को सुख-शांति मिलती है. व्‍यक्ति की सोच सकारात्‍मक होती है. वह अच्‍छी तरह से सोच-समझकर निर्णय लेने में सक्षम होता है. चैत्र नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के रूपों के साथ-साथ मां लक्ष्‍मी की भी आराधना करें. इससे मां लक्ष्‍मी प्रसन्‍न होंगी और जीवन में पैसों की तंगी नहीं होगी. इसके अलावा कुछ और उपाय करने से बहुत लाभ होंगे.

नवरात्रि के दौरान रोज सुबह-शाम मां लक्ष्‍मी की आराधना करें. मां लक्ष्‍मी की आरती करें.

मां लक्ष्‍मी को खीर बहुत प्रिय है, उन्‍हें खीर का भोग लगाएं. दूध से बनी सफेद मिठाइयों का भोग लगाना मां लक्ष्‍मी की कृपा दिलाता है.

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ये है मां लक्ष्मी आरती

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता

तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन * सेवत हरि विष्णु विधाता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता

सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता

सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता

खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2


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