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गरुड़ पुराण के इन गुणों से होती है सुनील और गुणी पत्नी की पहचान
सनातन धर्म के 18 महापुराणों में से एक गरुड़ पुराण के अधिष्ठाता देव भगवान विष्णु हैं. इसमें भगवान विष्णु और उनके वाहन गरुड़ की बातचीत का वर्णन किया गया है. गरुड़ पुराण कर्मों के अनुसार मृत्यु के बाद की स्थितियों और तमाम लोकों की रहस्यमयी बातों से पर्दा हटाता है. इसके अलावा इस महापुराण में बेहतर जीवन जीने के लिए नीति और नियम, जप, तप और यज्ञ के बारे में भी बताया गया है. गरुड़ पुराण पुरुषों और महिलाओं के कर्तव्यों और उनके बारे में खास बातें भी बताता है. यहां जानिए ऐसी 4 बातें जिनके आधार पर आप सुलक्षणा पत्नी की पहचान कर सकते हैं.
सा भार्या या गृहे दक्षा सा भार्या या प्रियंवदा
सा भार्या या पतिप्राणा सा भार्या या पतिव्रता
1. जो पत्नी अपने घर की सभी जिम्मेदारियों का वहन अच्छी तरह से करती हो, घर के सदस्यों का खयाल रखती हो, अतिथियों का सत्कार अच्छी तरह से करती हो और घर में सुख शांति बनाकर रखती हो. ऐसी पत्नी को सुशील पत्नी माना जाता है.
2. जो पत्नी मधुरभाषी हो, अपने पति व परिवार के सदस्यों का सम्मान करती हो, उनसे मीठी वाणी बोलती हो और कोई भी काम अपने पति की सलाह से करती हो. ऐसी पत्नी अपने पति को अति प्रिय होती है और समाज उसे सुलक्षणा पत्नी के रूप में देखता है. हालांकि पत्नी की तरह इसी व्यवहार के नियम पति पर भी लागू होते हैं.
3. अपने पति की आज्ञा का पालन करने वाली पत्नी को शास्त्रों में पतिव्रता पत्नी माना गया है. हालांकि हर बात मानने का मतलब ये नहीं होता कि हर गलत बात को भी माना जाए. यदि पति गलत राह पर हो, तो इस स्थिति में एक पत्नी का धर्म कहता है कि वो उसे सही राह पर लेकर आए.
4. पूजा पाठ और धार्मिक कार्यों को करने वाली, सदैव दूसरों का हित सोचने वाली और धर्म के रास्ते पर चलने वाली स्त्री को महान माना गया है. जिस पत्नी में ये सारे गुण पाए जाते हैं, उसे महान माना जाता है और वो देवतुल्य कहलाती है.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)