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करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है. वे पूरा दिन निर्जला रहकर अपने पति की लंबी उम्र के लिए यह कठिन व्रत रखती हैं. करवा चौथ का व्रत हिंदु पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है, जो इस साल 13 अक्टूबर, गुरुवार को है. लेकिन इस साल करवा चौथ का व्रत कुछ महिलाएं नहीं रख पाएंगी और इसके पीछे वजह शुक्र ग्रह का अस्त होना है.
करवा चौथ पर शुक्र तारे का डूबना अशुभ
इस समय शुक्र ग्रह अस्त हैं और इसे शुक्र तारा डूबना भी कहते हैं. सूर्य के बेहद करीब आने पर ग्रह का तेज खत्म हो जाता है और उसकी शक्ति क्षीण हो जाती है, तब इसे ग्रह का अस्त होना कहते हैं. जब शुक्र तारा डूबा हुआ हो तो विवाह कार्य नहीं किए जाते हैं. शुक्र ग्रह वैवाहिक सुख, प्रेम देने वाले ग्रह हैं और हिंदु धर्म में विवाह के शुभ मुहूर्त के लिए शुक्र ग्रह का उदित रहना जरूरी है. शुक्र ग्रह 20 नवंबर तक अस्त रहेंगे, इस कारण 20 नवंबर 2022 तक विवाह संपन्न नहीं होंगे. यहां तक कि तुलसी विवाह के अबूझ मुहूर्त के दिन भी इस साल विवाह नहीं होंगे.
शुक्र तारे के डूबने के कारण ऐसी नवविवाहित महिलाएं जो पहली बार करवा चौथ व्रत रखने जा रही हैं, उन्हें भी इसके लिए एक साल तक इंतजार करना पड़ेगा. शुक्र अस्त रहने के दौरान करवा चौथ व्रत की शुरुआत करना शुभ नहीं माना जाता है. इसके अलावा शुक्र अस्त के दौरान करवा चौथ व्रत का उद्यापन भी नहीं करना चाहिए. वरना पति-पत्नी को मुश्किल झेलनी पड़ सकती है.
करवा चौथ व्रत पूजा शुभ मुहूर्त
करवा चौथ व्रत के लिए चतुर्थी तिथि का आरंभ 13 अक्तूबर 2022 की मध्यरात्रि 1 बजकर 59 मिनट से होगा और 14 अक्तूबर 2022 की तड़के सुबह 3 बजकर 8 मिनट पर समापन होगा. इस दौरान करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त 13 अक्तूबर को शाम 6 बजकर 1 मिनट लेकर शाम 7 बजकर 15 मिनट तक रहेगा. वहीं अमृतकाल मुहूर्त शाम 4 बजकर 8 मिनट से शाम 5 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. इससे पहले अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 21 मिनट से दोपहर 12 बजकर 07 मिनट तक रहेगा. इस साल करवा चौथ पर चांद दिखने का समय 13 अक्तूबर को रात 8 बजकर 19 मिनट है.