धर्म-अध्यात्म

ऐसी स्त्रियां बढ़ाती हैं कुल की शोभा, हर हालात में नहीं करती संकोच

Tara Tandi
20 Feb 2021 9:16 AM GMT
ऐसी स्त्रियां बढ़ाती हैं कुल की शोभा, हर हालात में नहीं करती संकोच
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सनातन धर्म में स्त्री को देवी लक्ष्मी का रूप माना गया है।

जनता से रिश्ता बेवङेस्क | सनातन धर्म में स्त्री को देवी लक्ष्मी का रूप माना गया है। कहा जाता है केवल स्त्री ही घर-परिवार को संवारने की ताकत रखती है। इस संदर्भ में न केवल धार्मिक शास्त्रों में बल्कि महान विद्वान या कहे महाकूटनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य की नीति शास्त्र में वर्णन किया गया है। उन्होंने अपने शास्त्र में बाखूबी बताया है कि किस तरह की स्त्री को शोभावान कहलाती हैं। अर्थात कैसे स्त्री घर की शोभा को बढ़ाती है। तो चलिए जानते हैं चाणक्य नीति सूत्र में बताई स्त्रियों से जुड़ी इस खास जानकारी के बारे में साथ ही जानेंगे आचार्य चाणक्य द्वारा बताए अन्य बातें, जिनसे जातक को ज्ञात होगा कि सफलता पाने के लिए क्या पता होना चाहिए।

ऐसी स्त्रियां बढ़ाती हैं कुल की शोभा-

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि स्त्री अगर गुणी, सुंदर व सुशील हो तो उसके कुल के बारे में ज्यादा सोच विचार हीं करना चाहिए। यानि स्त्री अगर निर्धन कुल की भी हो तो भी उसे पूरे आदर सम्मान के साथ जीवनसाथी के रूप में पाने के लिए प्रयास करना चाहिए। इसके अलावा चाणक्य कहते हैं अगर शत्रु के घर में सुशील स्त्री हो तो उसे भी अपनाने में अंहकार नहीं करना चाहिए। बल्कि अपने अंहकार को त्याग कर जल्द से जल्द उसे जीवनसाथी बनाना चाहिए। आचार्य चाणक्य के अनुसार सुशील और सभी गुणों से पूर्ण स्त्री जहां भी जाती है, वो अपने साथ-साथ घर औ कुल की शोभा बढ़ाती है।

यहां जानें आचार्य की अन्य नीतियां-

चाण्क्य बताते हैं कि अपने जीवन में केवल वह व्यक्ति सफल हो पाता है, जो सदैव सकारात्मक विचारों को अपनाता है। जो सकारात्मक विचारों को अपनाना जानता हो ऐसा व्यकति विष यानि जहर से अमृत तक खोज लेता है। यानि विष में अगर अमृत छिपा हो तो ऐसे लोग उसे भी प्राप्त करने में सक्षम होते हैं।

गंदगी में भी मिले सोना तो उसे लेने में न करें संकोच-

चाणक्य का मानना है कि सोना कहीं से भी प्राप्त हो उसे हासिल करने में कभी किसी तरह का संकोच नहीं करना चाहिए। कहने का अर्थ है कि प्रतिभा अगर कीचड़ में हो तो उसे अपनाने में बिल्कुल भी समय नहीं गंवाना चाहिए।

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