धर्म-अध्यात्म

धन होते हुए भी दरिद्र होते हैं ऐसे लोग, कहीं आप भी उनमें शामिल तो नहीं

HARRY
25 Jun 2023 6:00 PM GMT
धन होते हुए भी दरिद्र होते हैं ऐसे लोग, कहीं आप भी उनमें शामिल तो नहीं
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Inspirational स्टोरी| एक महात्मा जी भिक्षा मांगने जा रहे थे। सड़क पर एक सिक्का दिखा, जिसे उठाकर उन्होंने झोली में रख लिया। उनके साथ जा रहे दो शिष्य यह देखकर हैरान हो गए। वह मन में सोच रहे थे कि काश सिक्का उन्हें मिलता तो वे बाजार से मिठाई ले आते। महात्मा जी जान गए।

वह बोले यह साधारण सिक्का नहीं है, मैं इसे किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दूंगा, पर कई दिन बीत जाने के बाद भी उन्होंने सिक्का किसी को नहीं दिया।

एक दिन महात्मा जी को खबर मिली कि पड़ोसी राजा से युद्ध करने के लिए सिंहगढ़ के महाराजा अपनी विशाल सेना के साथ इधर से गुजर रहे हैं। शिष्यों के साथ महात्मा जी उस ओर चल पड़े। तभी राजा की सवारी आ गई। मंत्री ने राजा को बताया कि यह महात्मा बड़े ज्ञानी हैं।

महात्मा जी ने झोले से सिक्का निकाला और राजा की हथेली पर रखते हुए कहा-‘‘हे नरेश, तुम्हारा राज्य धन-धान्य से सम्पन्न है फिर भी तुम्हारे लालच का अंत नहीं है। तुम और पाने की लालसा में युद्ध करने जा रहे हो। मेरे विचार में तुम सबसे बड़े दरिद्र हो। अत: मैंने तुम्हें यह सिक्का दिया है।’’

राजा इस बात का मतलब समझ गया। उन्होंने सेना को वापस चलने का आदेश दिया। लालच इंसान को इतना अंधा कर देता है कि उसे अच्छे और बुरे में फर्क दिखाई नहीं देता।

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