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आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में ऐसे लोगों से दूर रहने के लिए कहा है, जो धरती पर बोझ की तरह होते हैं. वे ऐसा कोई काम नहीं करते हैं जिससे उनका या दूसरों का भला हो.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कुछ लोग छोटे से जीवन में भी ऐसे काम कर जाते हैं, जिन्हें सदियों तक याद रखा जाता है. वहीं कुछ लोग बहुत लंबा जीवन जीकर भी कुछ खास नहीं कर पाते. यहां तक कि कई बार वे अपने कामों, जरूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर रहते हैं. कह सकते हैं कि ऐसे लोग धरती पर बोझ की तरह होते हैं. महान विद्वान आचार्य चाणक्य ने ऐसे लोगों के बारे में अपने नीति शास्त्र में बताया है और उनसे दूर रहने की सलाह भी दी है.
ये लोग होते हैं धरती पर बोझ
आचार्य चाणक्य के मुताबिक ऐसे लोग जो ना तो विद्या या ज्ञान अर्जित नहीं करते, ना ही धर्म करते हैं, ना दान करते हैं, ना अच्छा आचरण करते हैं, ऐसे लोगों का जीवन बेकार है. ऐसे लोग जो खुद में अच्छे गुण विकसित नहीं करते, किसी भी धार्मिक अनुष्ठान में हिस्सा नहीं लेते हैं, उनका भी जीवन निरर्थक ही है. ऐसे लोग हमेशा मृत्युलोक में भटकते रहते हैं और उन्हें कभी भी अच्छी गति नहीं मिलती है. वहीं अपने जीवनकाल में भी ये लोग धरती पर बोझ की तरह ही होते हैं क्योंकि ना तो वे अपने लिए कोई पुण्य कमाते हैं, ना अच्छा जीवन जीते हैं और ना ही किसी के काम आते हैं. वे कभी भी समाज में मान सम्मान नहीं पाते. ना ही अपने जीवन में कोई लक्ष्य प्राप्त कर पाते हैं.
इनसे दूर रहने में ही फायदा
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि ऐसे लोगों से हमेशा दूर रहने में ही भलाई है. वरना उनके साथ रहकर वह खुद भी अपनी तरक्की रोक लेता है. वह दान-धर्म, अपना ज्ञान बढ़ाने, अच्छे गुण विकसित करने के रास्ते से विमुख हो जाता है. ऐसे में उसका जीवन भी बर्बाद होने की आशंका पैदा हो जाती है.
Bhumika Sahu
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