धर्म-अध्यात्म

प्यार के मामले में कभी असफल नहीं होते ऐसे पुरुष, अच्छे पति होते है साबित

Teja
18 May 2022 5:08 AM GMT
प्यार के मामले में कभी असफल नहीं होते ऐसे पुरुष, अच्छे पति होते है साबित
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एक साधारण से चंद्रगुप्त को भारत का सम्राट बनाने वाले आचार्य चाणक्य की नीतियां मनुष्य के लिए जीवन के हर मोड़ पर लाभकारी साबित हो सकती हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | क साधारण से चंद्रगुप्त को भारत का सम्राट बनाने वाले आचार्य चाणक्य की नीतियां मनुष्य के लिए जीवन के हर मोड़ पर लाभकारी साबित हो सकती हैं. आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में प्रेम और दांपत्य जीवन से जुड़ी कई बातों की चर्चा की है. साथ ही ऐसे पुरुषों के बारे में भी बताया है जो प्यार के मामले में कभी असफल नहीं होते. शादी के बाद ऐसे पुरुष अच्छे पति साबित होते हैं. प्रेम के बारें में आचार्य चाणक्य ने कई ऐसी बातें बताई है, जिन्हें मानने से आपके रिश्ता कभी न टूटेगा. इसके साथ ही आचार्य चाणक्य ने ऐसे पुरुषों के बारें में भी बताया है जो कि हमेशा प्रेम संबंध और विवाह जैसे संबंधों में सफल होते है.

हर स्त्री का सम्मान करने वाले
आचार्य चाणक्य का मानना है कि जो व्यक्ति हर स्त्री को सम्मान की नजरों से देखता है, जो हमेशा अपनी पत्नी, मां और प्रेमिका को सम्मान देता है, उसे जीवन में कभी भी असफलता प्राप्त नहीं होती. ऐसा व्यक्ति प्रेम और रिश्तों के महत्व को समझता है. ऐसे पुरुष से शादी करने वाली महिलाएं कभी भी दुखी नहीं रहती. Also Read - चाणक्य नीति: इन 3 लोगों का भला करने पर होती है दुख की प्राप्ति, इनसे दूर रहना चाहिए
पराई स्त्री पर बुरी नजर न डालने वाला
यग गुण सर्वोपरि है। जिस पुरुण में यह गुण पाया जाता है, उसका संबंध कभी नहीं टूटता है. जो व्यक्ति अपनी प्रेमिका या पत्नी के अलावा किसी भी अन्य स्त्री को वासना की नजर से नहीं देखता, किसी भी पराई स्त्री के प्रति आकर्षित नहीं होता वह अपने संबंध को बचाने की हर मुमकिन कोशिश करता है. इससे उनका रिश्ता कभी नहीं टूटता है.
बराबरी वाले व्यक्ति से प्रेम-संबंध
आचार्य के मुताबिक अपनी बराबरी वाले व्यक्ति से प्रेम-संबंध शोभा देता है. असमानता सामने आए बिना नहीं रहती, तब प्रेम शत्रुता में बदल जाता है. इसलिए क्यों न पहले ही ध्यान रखा जाए. इसी प्रकार यदि व्यक्ति को नौकरी तथा किसी सेवा कार्य में जाना है तो उसे प्रयत्न करना चाहिए कि सरकारी सेवा प्राप्त हो क्योंकि उसमें एक बार प्रवेश करने पर अवकाश प्राप्त होने तक किसी विशेष प्रकार का झंझट नहीं रहता.


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